हौसला: जीवन में कठनाईयों के बाद अपनी लोककला को बनाया अपना रोजगार
अल्मोड़ा: हौसले बुलन्द हो तो आसमा भी अपना है ऐसी एक हकीकत है धर्म सिंह नेगी की जो इतनी कठनाइयों के बावजूद भी अपने हौसले को बनाये हुए हैं आइये जाने इनकी कहानी को आज के दौर में अक्सर लोग जीवन से तंग आकर किसी अन्य दिशा की ओर भटक जाते हैं लेकिन इस सख्श ने हार नहीं मानी और संघर्ष के दौर को अपनाया औऱ लोक संस्कृति लोक गायन को अपना आजीविका का माध्य्म बनाया धर्म सिंह ने बताया कि एक दुर्घटना में उनके हाथ पांव कान और पेट मे इतनी गहरी चोटें आईं की उनका आप्रेसन करना पड़ा जिस कारण उन पर रोजी रोटी का संकट आने लगा फिर उन्होंने लोक गायन को अपना रोजगार बनाया
उन्होंने बताया कि आज वो लोगो के घर-घर जाकर सगुन आखर शुभ मांगलिक कार्य गाये जाने वाले पारंपरिक गीत के साथ लोगो के जन्मदिवस, शादी विवाह,में जाकर अपने लोक गीतो गाकर अपना जीवन का गुजारा चलाते है वही वो समाज की कुरीतियों का भी संदेश जन-जन तक फैला रहा है,नवरात्र में आजकल अलमोड़ा के मंदिरों देवी माँ के भजन व मंगल गीत से अल्मोड़ा में सुर्खियां बटोर रहा है।
धर्म सिंह नेगी, लोक गायक