Uttarakhand News:बदहाल सिस्टम,एंबुलेंस में 6 घंटे तक तड़पती रही गर्भवती, मौत

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पहाड़ के सरकारी अस्पताल रेफर सेंटर ही बनकर रह गए हैं। वहां न पर्याप्त डाॅक्टर हैं न मशीनें। उत्तराखंड के पौड़ी से दुखद घटना की खबर सामने आ रही है।पौड़ी के सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद जब महिला की हालत बिगड़ी तो उसे रामनगर सीएचसी रेफर किया गया। 

यहां से डाॅक्टरों ने उसे सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया। प्रसूता छह घंटे एंबुलेंस में तड़पती रही। सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुधवार को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में प्रसूता का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। 

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मैठाड़ा ग्वीन मल्ला पौड़ी निवासी अमित गौनियाल यहां अपनी 24 वर्षीय पत्नी रेनू के साथ रहते थे। रेनू गर्भवती थी और मंगलवार को प्रसव पीड़ा होने पर अमित उसे लेकर गांव के पास स्थित बीरोखाल के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां रेनू ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उसे अधिक रक्त स्राव होने लगा। डॉक्टरों ने रामनगर सीएचसी के लिए रेफर कर दिया। परिजन एंबुलेंस से रेनू को सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उसकी हालत अधिक खराब होने पर सुशीला तिवारी के अस्पताल भेज दिया। 

रेनू के पति अमित ने बताया कि रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर बुधवार सुबह मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में डॉक्टरों ने रेनू के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। मौत की वजह अत्यधिक रक्तस्राव को माना जा रहा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि असल कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा।

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इधर, रेनू के पति अमित ने बताया कि वह छह घंटे एंबुलेंस में पत्नी के साथ बैठे रहे और वह दर्द से कराहती रही। पहाड़ में अच्छा अस्पताल और डॉक्टर होते तो उनकी पत्नी असमय न मरती।

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