आपकी जानकारी की लिए: अब आपको घर पर ही होंगे गंगा आरती के दर्शन :- देखये एक नजर
धर्मनगरी हरिद्वार में विश्व प्रसिद्ध हर की पौड़ी पर प्रतिदिन सांय काल में होने वाली मां गंगा की आरती देश विदेश में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। गंगा आरती कि अब श्री गंगा सभा ऑनलाइन बुकिंग कराने की सुविधा श्रद्धालुओं के लिए करने जा रहा है।
अब तक यह व्यवस्था है कि अगर आपको मां गंगा की आरती करनी है तो श्री गंगा सभा (रजि) के कार्यालय में जाकर आरती बुक करानी होगी उसके बाद ही आपको मां गंगा की आरती करने का मौका मिलता है, मगर जिस तरीके से देश डिजिटल होता जा रहा है अब उसकी के रास्ते पर चलते हुए श्री गंगा सभा अब मां गंगा की आरतियों को बुक करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था उपलब्ध कराने जा रही है,
इसके बाद कोई भी व्यक्ति कहीं से भी मां गंगाआरती बुक करके रसीद प्राप्त कर सकता है और जिस दिन की उसकी आरती बुक हो उसी दिन आकर बिना किसी परेशानी के मां गंगा की आरती करने का पुण्य लाभ प्राप्त कर सकता है,यह सुविधा एक से डेढ़ माह में उपलव्ध हो जाएगी और इसके लिए वेबसाईड तैयार करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है ,
वर्तमान में मां गंगा की हरिद्वार हर की पौड़ी पर 11 आरतियां की जा रही है और इन आरतियों की बुकिंग पहले संवत से लेकर अगले वर्ष के संवत तक की जाती है लेकिन ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा मिलने से व्यक्ति को ऑनलाइन ही सारी जानकारी मिल जाएगी कि किस डेट में कौन सी आरती खाली है,आप 2100 रु देकर घर बैठे गंगा आरती बुक कर संकेंगे।
श्री गंगा सभा महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि आप जानते हैं कि समय के साथ टेक्नोलॉजी में बहुत बदलाव आ रहा है और स्वाभाविक रूप से तो जो आनंद व अनुभूति मां गंगा की आरती का हर की पैड़ी पर देखने में होती है वह कहीं भी नहीं मिलती लेकिन श्रद्धालुओ की बढ़ती हुई रूचि को देखते हुए हमने ऑनलाइन आरती दर्शन की व्यवस्था की है और ऑनलाइन प्रसारण भी शुरू किया है। शीघ्र ही हम ऐसी व्यवस्था पर कार्य कर रहे हैं जो ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था है ,हमारी वेबसाइट पर जाकर गंगा सभा की वेबसाइट पर जाकर वह मां गंगा की आरती को बुक कर पाएंगे और वहीं पर उनको यह डाटा भी उपलब्ध होगा कि कौन सी तिथि और कौन कौन सी आरतियां उपलब्ध है
और वह जिस आरती को चाहेंगे तब ही ऑनलाइन रसीद प्राप्त करके उस आरतियों को बुक कर पाएंगे, वर्तमान में तो इनका डबलमेंट का कार्य चल रहा है लेकिन जो हमारी वेबसाइट है www.gangasabha.org के नाम से हमारी वेबसाइट है को हम बहुत तेजी से विकसित कर रहे हैं।