National News :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मथुरा ब्रज रज उत्सव में होगे शामिल, दे सकते हैं बृजवासियों को बड़ी सौगात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 नवंबर को ब्रज रज उत्सव में शामिल होने मथुरा आ रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मथुरा का उनका यह चौथा दौरा है। दौरे की खासियत ये है कि वह पहली बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान दर्शन को पहुंचेंगे।

यही नहीं, वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचने वाले पहले पीएम होंगे।

💠विवाद के बीच अहम माना जा रहा दौरा

श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी में चल रहे विवाद के बीच उनका ये दौरा अहम माना जा रहा है। वे भले ही, इस पर कुछ न बोलें, लेकिन उनके जन्मस्थान पहुंचने मात्र से श्रीकृष्ण जन्मस्थान को ईदगाह की छाया से निकालने को चल रहे आंदोलन को गर्मी जरूर मिलेगी। ये दौरा लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े देश में पार्टी के हिंदूवादी एजेंडे को आगे बढ़ने का संदेश होगा।

💠पहलीबार मथुरा में 2015 में आए थे

प्रधानमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी पहली बार मथुरा 25 मई 2015 को आए थे।

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तब वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पैतृक गांव नगला चंद्रभान (दीनदयाल धाम) में अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

इसके बाद वह फरवरी 2019 में वृंदावन के अक्षय पात्र फाउंडेशन में आए थे।

सितंबर 2019 में वेटेरिनरी विवि के कार्यक्रम में आए।

इन दौरों में मोदी ने धर्मनगरी में किसी मंदिर में दर्शन नहीं किए। अब चौथे दौरे में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन प्रस्तावित है।

💠पहलीबार पीएम आएंगे दर्शन करने

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, जन्मस्थान पर अब तक कोई प्रधानमंत्री दर्शन को नहीं आया। मादी पहले व्यक्ति होंगे जो प्रधानमंत्री होते हुए दर्शन को आ रहे हैं। राजस्थान में इन दिनों चुनाव चल रहे हैं। यहां 25 नवंबर को मतदान होना है।

राजस्थान का भरतपुर, धौलपुर, अलवर, डीग इलाका उत्तरप्रदेश की सीमा से सटा है। अगले वर्ष के प्रारंभ में ही लोकसभा के लिए चुनाव भी होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री के इस दौरे के कई अर्थ तलाशे जा रहे हैं।

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💠श्रीकृष्ण जन्मस्थान और मस्जिद का चल रहा है विवाद

काशी में बाबा विश्वनाथ का दिव्य धाम बनने और अयोध्या में भी रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद भाजपा के पास अगला काम श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मामले को ही आगे ले जाना होगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग इन दिनों तेज है।

इस विवाद को लेकर 16 वाद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। संत-महंतों के साथ ही हिंदू संगठन भी लगातार जन्मस्थान को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में, जन्मस्थान आ रहे मोदी प्रत्यक्ष तौर पर भले ही कुछ न कहें लेकिन उनके आने से इस आंदोलन को गर्मी जरूर मिलेगी।

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