Almora News:खराब सड़क के कारण पैदल चलकर अस्पताल पहुँच रही गर्भवती महिलाए और मरीज

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सोमेश्वर उप चिकित्सालय में नवनिर्माण के चलते व्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हैं। एंबुलेंस सड़क पर खड़ी है। प्रसव पीड़िताएं, बीमार पैदल चलकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। निर्माण के दौरान सड़क तोड़ दी गई जिससे एंबुलेंस और अन्य वाहन अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं।

ऐसे में प्रसव पीड़ा से जूझते हुए गर्भवतियों के अलावा अन्य मरीजों को भी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है। परिजन किसी तरह कंधे और पीठ पर बिठाकर संबंधितों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मजबूर हैं।

🔹200 मीटर का पैदल सफर तय कर रही गर्भवतियां

उप जिला चिकित्सालय का नवनिर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य के चलते अस्पताल को जोड़ने वाली सड़क तोड़ दी गई। इससे मरीजों और गर्भवतियों की दिक्कत बढ़ गई है। सड़क न होने से एंबुलेंस और अन्य वाहन अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में प्रसव के लिए यहां पहुंचने वाली गर्भवतियों और अन्य गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना परिजनों के लिए चुनौती बन गया है। किसी तरह 200 मीटर का पैदल सफर तय कर गर्भवतियां और बीमार अस्पताल पहुंच रहे हैं।

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🔹90 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुँच रहे 

इसके बाद उन्हें इलाज और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं नसीब हो रही हैं। प्रसव वेदना से जूझ रही गर्भवतियों को पैदल अस्पताल पहुंचने में खतरा अधिक है। उनकी गंभीर परेशानी को अनदेखा कर दिया है। यहां हर रोज आठ से अधिक गर्भवतियां प्रसव और 90 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। 

🔹धूल से मरीजों में संक्रमण फैलने का डर

निर्माण कार्य के दौरान मरीजों, जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की अनदेखा की जा रही है। निर्माण कार्य के कारण अस्पताल परिसर और यहां पहुंचने वाले रास्ते मलबे से पटे हैं। धूल का गुबार उठकर कक्षों में पहुंच रहा है। अस्पताल में कई गंभीर रोगी, प्रसव पीड़िताएं और जच्चा-बच्चा भर्ती हैं। ऐसे में पूरे दिन उठने वाली धूल से सभी में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। तीमारदार और अस्पताल प्रबंधन कार्यदायी संस्था से धूल से मुक्ति दिलाने के लिए पानी छिड़काव की मांग कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। 

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गर्भवतियों और बीमारों की परेशानी को देखते हुए अस्थायी सड़क निर्माण के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। निश्चित तौर पर धूल से संक्रमण फैलने का खतरा है। इसके लिए पानी के छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं लेकिन कार्यदायी संस्था इसे गंभीरता से नहीं ले रही। इस मामले में भी उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है-डॉ. दीपिका रानी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, उप जिला चिकित्सालय, सोमेश्वर।