Uttrakhand News :मुफ्त इलाज न देने वाले अस्पतालों पर होगी सत्य करवाई, ऐसे अस्पतालों की शिकायत के लिए मरीजो के लिए जारी किए टोल फ्री नंबर

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आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध कई निजी अस्पताल मरीज को उपचार देने में आनाकानी कर रहे हैं। वह आयुष्मान कार्ड पर निशुल्क उपचार देने में आपत्ति जता रहे हैं या मरीज को गलत जानकारी देकर भ्रमित कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ऐसे अस्पतालों पर सख्ती के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशानुसार ऐसे अस्पतालों की शिकायत के लिए एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया गया है।

बता दें, आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थी को पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क उपचार मिलता है। इस योजना के तहत राज्य में 145 निजी व 102 सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसके अलावा नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत देशभर के अस्पताल भी योजना से जुड़े हैं। लेकिन राज्य व बाहर के कई अस्पताल योजना में सूचीबद्ध होने के बावजूद मरीजों को मुफ्त उपचार देने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे कई अस्पतालों की शिकायत मंत्री तक भी पहुंची है। उन्होंने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

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💠अस्पताल किसी भी तरह की लापरवाही करने से बचें।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ प्रत्येक मरीज को मिले, इस मंशा के साथ सरकार काम कर रही है। ऐसे में अस्पताल किसी भी तरह की लापरवाही करने से बचें। उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज के साथ ऐसी लापरवाही की जाती है तो वह टोल फ्री नंबर (155368) पर शिकायत दर्ज करा सकता है।

💠बड़े अस्पतालों को योजना में करें शामिल।

उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना की विसंगतियां दूर करने की मांग की है। प्रदेश संरक्षक पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि दून समेत राज्य के कई बड़े अस्पताल अब भी योजना से नहीं जुड़े हैं। इन्हें जल्द योजना में शामिल किया जाए। यदि संबंधित अस्पताल अनुबंध नहीं करते हैं तो उनका पंजीकरण निरस्त किया जाए। मैक्स, सिनर्जी सहित तमाम अस्पतालों को सूचीबद्ध किए जाने की मांग उन्होंने की।

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कैशलेस ओपीडी व प्रत्येक जनपद में मुफ्त दवा के लिए कैमिस्ट अनुबंधित करने की मांग भी उन्होंने की। कहा कि पेंशनर विगत कई वर्षों से मांग कर रहे हैं कि उनकी पेंशन से 50 प्रतिशत की कटौती की जाए, लेकिन सरकार ने अभी तक इस और कोई कार्रवाई नहीं की है। पेंशनर संगठनों की कई दौर की वार्ता प्राधिकरण एवं सरकार के साथ होने के बावजूद योजना से जुड़ी विसंगतियां दूर नहीं की जा रही। यदि शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की जाती है तो कर्मचारी एवं पेंशनर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।

💠पोर्टल की सुस्ती लगा रही अभियान को पलीता। 

आयुष्मान भारत का नया पोर्टल लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हालात ऐसे हैं कि पहले जहां आसानी से कार्ड भी बन जाता था, नया पोर्टल खुल ही नहीं रहा है। आयुष्मान भव योजना के तहत प्रदेशभर में शत-प्रतिशत लोग के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, लेकिन पोर्टल की सुस्ती के कारण अभियान में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।