Almora News:पहाड़ों में लाचार स्वास्थ्य व्यवस्था ने ली पांच महीने की मासूम की जान, अस्पतालो की दौड़ लगाते रहे परिजन

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न जाने कब तक पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कीमत पहाड़ की महिलाओं और मासूम बच्चों को चुकानी पड़ेगी।न जाने कब तक नाकारी व्यवस्था के कारण असमय ही पहाड़ के लोगों को अपनी जिंदगी गवानी पड़ेगी।

🔹बेस अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप 

स्वास्थ्य जैसी प्राथमिक सुविधा को बेहतर बनाने के ढोल पिछले 21 सालों से पीटे जा रहे हैं लेकिन यहां के अस्पताल जिंदगी देने के बजाय हत्यारे बनते जा रहे हैं। अब इस बदहाल व्यवस्था की कीमत पांच महीने के मासूम को जान देकर चुकानी पड़ी। परिजन उसे लेकर तीन अस्पतालों में दौड़ते रहे। इसके बावजूद उसकी जान नहीं बच पाई। परिजनों ने बेस अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर रात में जमकर हंगामा किया।

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🔹रात में मासूम ने तोड़ा दम 

धौलादेवी ब्लॉक के ग्राम पंचायत नाकोट के तोक डोगरा निवासी चंद्रशेखर तबियत बिगड़ने पर अपने पांच महीने के मासूम बेटे को 21 सितंबर को जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर ने उन्हें जांच के बाद बच्चे को घर ले जाने की सलाह दी लेकिन चंद्रशेखर बेटे को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए। वहां मासूम की हालत खराब बताते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। अंत में परिजन उसे लेकर मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल पहुंचे, जहां उसे पीडीआईसीयू में भर्ती किया। रात में मासूम का स्वास्थ्य बिगड़ गया और उसने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत पर परिजन भड़क गए और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। 

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🔹प्राचार्य बोले 

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैंसोडा का कहना है कि परिजन बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल लाए थे। उसे निमोनिया की शिकायत थी। उसे भर्ती कर उपचार किया जा रहा था, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस मामले में लापरवाही का सवाल ही नहीं है।