Nainital News:सरोवर नगरी पर मंडरा रहा खतरा, भूस्खलन से दरक रही चाइना पीक की पहाड़ी, दहशत में लोग

किसी भी पहाड़ या शहर की एक भार क्षमता होती है।इंसान अगर उससे ज्यादा निर्माण करेगा या वजन बढ़ाएगा तो वह धंस जाएगी।यही हो रहा है नैनीताल के साथ।नैनीताल पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। वहां की पहाड़ियां तेजी से दरक रही हैं।धंस रही हैं,गिर रही हैं। उनसे गिरने वाले चूना पत्थर झीलों में जा रहे हैं।भूगर्भ वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर नैनीताल में निर्माण कार्य रोके नहीं गए तो इस खूबसूरत पर्यटक शहर को बचा पाना मुश्किल होगा।
🔹विभागीय अधिकारियों ने चाइना पीक पहुंकर किया मुआयना
सी बीच नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी कही जाने वाली चाइना पीक पर भूस्खलन हुआ है। जिससे नैनीताल वासियों में दहशत का माहौल है।इस बार काफी देर तक पहाड़ी से बोल्डर और पत्थर सड़कों पर गिरते रहे।जिससे पहाड़ी के तलहटी में रहने वालों के होश फाख्ता हो गए।उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय अधिकारियों ने चाइना पीक पहुंकर मौका मुआयना किय।
🔹पहाड़ी से मलबा और पत्थर लुढ़क कर मार्ग पर गिर रहे
बता दें कि नैनीताल की सबसे ऊंची और संवेदनशील चाइना पीक की पहाड़ी में एक बार फिर से भूस्खलन की घटना देखने को मिली है।प्रत्यक्षदर्शी भूपेंद्र बिष्ट ने बताया कि मंगलवार को हुई बारिश के बाद चाइना पिक के ऊपरी छोर वाली पहाड़ी में बड़ा भूस्खलन हुआ। जिसके बाद पहाड़ी से मलबा और पत्थर लुढ़क कर नैनीताल-पंगूट मार्ग पर आ गिरे। पहाड़ी से मलबा और पत्थर काफी देर तक सड़क पर आते रहे। इस घटना के बाद लोगों काफी खौफजदा हैं।
🔹ठोस कार्य योजना बनानी चाहिए
वहीं, स्थानीय निवासी बिशन सिंह ने बताया कि अक्सर चाइना पीक की पहाड़ी से बरसात के दौरान और बरसात के बाद धूप खिलने पर भूस्खलन होता है।पहाड़ी से गिरने वाला मलबा आबादी क्षेत्र तक पहुंचता है।जिससे स्थानीय लोगों में डर माहौल पैदा हो जाता है।
लिहाजा, शासन प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। उनका कहना है कि सरकार को चाइना पीक से भूस्खलन को रोकने और नैनीताल के अस्तित्व को कायम रखने के लिए ठोस कार्य योजना बनानी चाहिए।
🔹साल 1880 में चाइना पीक की पहाड़ी में हुआ था विनाशकारी नैनीताल के चाइना पीक की पहाड़ी से 1880 के दशक से लगातार भूस्खलन हो रहा है।18 सितंबर 1888 को चाइना पीक की पहाड़ी में विनाशकारी भूस्खलन हुआ था. जिसमें 150 से ज्यादा भारतीय और ब्रिटिश नागरिकों की मौत हो गई थी।