Uttrakhand News :उत्तराखंड छात्रों के लिए खुशखबरी, ड्रोन पायलट ट्रेनिंग का पहला प्रयास,बाहरवी पास छात्र ले सकेंगे ट्रेनिंग

कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान और ड्रोनियर नेविगेशन प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
💠जिसमें 12वीं पास युवाओं को ड्रोन उड़ाने की रिमोट पायलट ट्रेनिंग दी जाएगी.
बुधवार को भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. एम मधु की मौजूदगी में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये. जिसमें संस्थान के वरिष्ठतम जलविज्ञानी डॉ. ओजस्वी, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एम मुरुगानंदम, कंपनी के पीके सिंह, एचएन शर्मा, डॉ. राधेश्याम सिंह ने हस्ताक्षर किये।
💠ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की संभावनाओं पर बात
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक ने बताया कि व्यावसायिक क्षमता निर्माण की दिशा में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में यह पहला एमओयू है। जिसमें कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.
💠 ड्रोन समिति के अध्यक्ष डॉ. ओजस्वी ने देश में विशेष रूप से कृषि उपयोग पर जोर देने के साथ ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की क्षमता पर बात की।