Uttrakhand News:मद्महेश्वर धाम के जंगलों में 3 दिनों से फंसे 350 तीर्थयात्री, रस्सियों के सहारे अबतक 60 लोगों का रेस्क्यू

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यहां बणतोली में पुल ध्वस्त होने से 300 से ज्यादा तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के जंगलों में तीर्थयात्री भटक रहे हैं।अभी तक 60 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। श्रद्धालुओं का आरोप है कि उनके लिए खाने और पीने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। जिस कारण उनके सामने काफी दिक्कतें पैदा हो गई हैं।जबकि, स्थानीय दुकानदारों के पास भी राशन खत्म हो रहा है।

🔹तीन दिनों से फंसे हैं श्रद्धालु, प्रेग्नेंट तीर्थयात्री भी फंसीं

बता दें कि एक ओर जहां पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा हैं तो वहीं मद्महेश्वर या मदमहेश्वर धाम के जंगलों में श्रद्धालु भटकने को मजबूर हैं. यात्रा पड़ाव के बणतोली में तीन दिन पहले भारी बारिश से पुल ध्वस्त हो गया था. जिसके बाद से ही यहां फंसे करीब 300 श्रद्धालु प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इन तीर्थयात्रियों में एक महिला तीर्थयात्री प्रेग्नेंट भी है. मौसम खराब होने से हेली से रेस्क्यू नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब हेली से रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है।

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🔹बणतोली में नदी में समाया था पुल

मद्महेश्वर घाटी की सीमांत ग्राम पंचायत गौंडार गांव के बणतोली में बना पुल मूसलाधार बारिश और पानी के उफान में आने से नदी में समा गया था।पुल के नदी में समाने के कारण मद्महेश्वर धाम समेत यात्रा पड़ावों का संपर्क गौंडार गांव से कट गया है। यात्रा पड़ावों पर सैकड़ों यात्री फंस गए हैं। क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मधु गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से ग्रामीण खौफजदा हैं।

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🔹प्रशासन पर अनदेखी का आरोप

लगातार जलस्तर बढ़ने से मधु गंगा नदी में जुगासू पर बना पुल भी खतरे की जद में आ गया है।मद्महेश्वर यात्रा के बणतोली पड़ाव में लगातार नदी का कटाव होने से खतरे की जद में आ गया है. श्रद्धालु आशीष नेगी, प्रमोद बिष्ट ने कहा कि पुल के ध्वस्त हो जाने से वे 3 दिनों से मद्महेश्वर धाम में फंसे हुए हैं।यहां राशन भी खत्म हो रहा है। उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है।