पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों का वट सावित्री व्रत आज,जानें पूजा विधि और क्या करें क्या न करें
वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है। इस बार 19 मई को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। इस दिन वट वृक्ष की विधिवत पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। वट सावित्री व्रत रखने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत के दिन क्या करें क्या न करें व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
•वट सावित्री व्रत पूजा विधि
अमावस्या तिथि का प्रारंभ 18 मई को सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर होगा और 19 मई को रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। 19 मई को पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 21 मिनट से लेकर पूरे दिन रहेगा। वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाओं को सूर्योदय के पहले उठकर स्नान करके नए वस्त्र धारण करें और श्रृंगार करें।
इसके बाद अपने सास ससुर से आशीर्वाद लें। इसके बाद वट वृक्ष के पास बैठकर पंच देवता और विष्णु भगवान का आह्वान करें।इसके बाद तीन कुश और तिल लेकर ब्रह्मा जी और देवी सावित्री का आह्वान करें। ओम नमो ब्रह्मणा सह सावित्री इहागच्छ इह तिष्ठ सुप्रतिष्ठिता भव। इस मंत्र का जप करते रहें। इसके बाद जल अक्षत, सिंदूर, तिल, फूल, माला, पान अर्पित करें। इसके बाद एक फल लेकर आम या अन्य कोई फल लेकर वट वृक्ष पर जल अर्पित करें। इसके बाद कच्चा सूत लेकर 7 या 21 बार वट वृक्ष की परिक्रमा करें।
•वट सावित्री के दिन क्या न करें
वट सावित्री के दिन अपने जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर वाद विवाद या झगड़ा न करें। दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें।
वट सावित्री के दिन कोई भी गलत कार्य या किसी के साथ छल आदि की योजना न बनाएं। क्योंकि, व्रत रखने से मन, वचन, और कर्म की शुद्धता के लिए रखा जाता है। मन में किसी का बुरा सोचने से भी व्यक्ति को इसका फल नहीं मिल पाता है।
वट सावित्री के दिन महिलाओं को काले, नीले और सफेद रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। साथ ही इस रंग की बंदी या चूड़ी भी न पहनें।
वट सावित्री के दिन महिलाओं को तामसिक भोजन करने से परहेज करना चाहिए। साथ ही इस दिन बाल न कटवाएं।
•वट सावित्री व्रत में क्या करें
वट सावित्री के दिन पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए वट वृक्ष की पूजा करें। और कच्चा सूत 7 बार लपेटे। साथ ही व्रत का पारण भीगे चने के साथ करें।व्रत रखने पर ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करना चाहिए।अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार जरूर करना चाहिए। श्रृंगार के लिए पहले ही व्यवस्था कर लें।इस दिन पूजा में लाल, पीले, हरे रंग के कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए।। पूजा पाठ के लिए इन रंगों को शुभ माना जाता है।
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