बेसिक शिक्षा से एल टी में समायोजित पदोन्नन शिक्षकों को मिले न्याय

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बेसिक शिक्षा से एल टी समायोजित पदोन्नन शिक्षकों को 13 वर्ष से नहीं मिला चयन प्रोन्नत वेतनमान, जो शिक्षक माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल न्याय पाने हेतु जा रहे हैं उनको चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जा रहा है,

 

जबकि माननीय उच्च न्यायालय स्पष्ट रूप से कहा है कि बेसिक शिक्षा से एल टी में समायोजित मर्जर माना जाएगा पदोन्नन नहीं, आज लगभग 1500 शिक्षक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, शिक्षा विभाग के अधिकारी मानते हैं कि अन्याय हो रहा है, शासन में वित्त सचिव की टेबल पर फाइल संख्या 09 07 20 चयन प्रोन्नत वेतनमान के शासनादेश के लिए धूल फांक रही है,मगर कोई न्याय दिलाने वाला अधिकारी नहीं है,।

 

इधर राजकीय एल टी समायोजित पदोन्नन शिक्षक संघर्ष मंच के प्रदेश अध्यक्ष दिगम्बर फुलोरिया ने बताया कि माननीय विधायक ,मंत्री, शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री तक अपनी नैर्सैगिक न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं अब जून माह में आन्दोलन आमरण अनशन शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है सचिवालय प्रशासन में अपर सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी जी कार्मिक के कार्यबिन्दु भी काम नहीं आ रहे हैं , जिसमें शिक्षा सचिव और वित सचिव को समाधान करने को कहा गया,यह कौतूहल का विषय बना हुआ है यदि समायोजित पदोन्नत शिक्षकों को 10 वर्ष की अनवरत सेवा उपरान्त भी चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत नहीं किया जाता तो उनको एल टी में भेजा ही क्यों गया, यदि ये शिक्षक प्राथमिक जूनियर हाईस्कूल में ही रहते तब भी बिना मांगे चयन प्रोन्नत वेतनमान भी मिलता

 

और हेडमास्टर जूनियर हाईस्कूल में प्रमोशन भी हो चुका होता, माननीय मुख्यमंत्री जी से अन्तिम बार न्याय की आस लगाए बैठे हैं, वरना उत्तराखंड में कोई अधिकारी शेष नहीं बचा जो समभाव से ओतप्रोत हैं, और ईमानदारी से काम करने की क्षमता रखते हुए शिक्षकों का स्वाभिमान बचाने आगे आयेंगे

 

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