अब देश के सभी भाजपा शासित राज्यों में लागू हो सकता है यूनिफॉर्म सिविल कोड

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उत्तराखंड राज्य सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड Uniform Civil Code को लेकर कई बार अपनी प्रतिबद्धता दोहरा चुकी है। पिछले दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू कराना हमारा प्रमुख संकल्प है, जिसे हमारी सरकार पूरा करेगी।

 

इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बीजेपी शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता कानून बनाने के संकेत दिए हैं। भोपाल में बीजेपी नेताओं से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले हमने समान नागरिक संहिता कानून लाने का ऐलान किया था। अब विधानसभा से उसे पारित कर के कानून बना लिया जाएगा।

 

धीरे-धीरे बीजेपी अन्य राज्यों में भी इस कानून को लागू कराएगी। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को सिर्फ समस्याएं ही दी हैं। यहां आपको यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता के बारे में भी बताते हैं। समान नागरिक संहिता का अर्थ है सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून।

 

 

इसका मतलब ये है कि किसी भी मजहब या जाति के लिए कोई अलग कानून नहीं होगा। अभी देश में हर धर्म के लोग शादी, तलाक, जायदाद का बंटवारा और बच्चों को गोद लेने जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के हिसाब से करते हैं, लेकिन समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद सभी धर्म एक ही कानून का अनुसरण करेंगे। हमारे देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय का पर्सनल लॉ है। वहीं, हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध आते हैं। समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है, हालांकि ये अभी तक देश में कहीं लागू नहीं हो पाया है। बीते दिनों उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से समान नागरिक संहिता को मंजूरी दे दी। जिसके बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता Uniform Civil Code को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।

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