लंपी वायरस के कहर से पशुपालन विभाग में 12 और दुग्ध संघ में 79 पशुओं की मौत
अल्मोड़ा। जिले में लंपी वायरस के लक्षण वाली बीमारी से जानवर मौत के मुंह में समा रहे हैं जिससे पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है। इससे मवेशियों की मौत का स्पष्ट आंकड़ा सामने नहीं आ सका है।
पशुपालन विभाग के सर्वे में सिर्फ 12 जानवरों की मौत दर्ज है जबकि दुग्ध संघ के सर्वे में करीब छह गुना अधिक 79 जानवरों की मौत दर्ज है। इससे चिंतित लोग घटनाओं की रिपोर्टिंग पर सवाल उठा रहे हैं।
जिले में लंपी वायरस से बचाव के लिए पशुपालन विभाग और दुग्ध संघ ने कई प्रयास किए हैं। दुग्ध संघ से मिले आंकड़ों के मुताबिक सोमेश्वर में 39, दन्या क्षेत्र में 20, नैनी में सात, दूनागिरि में छह, चमड़खान में तीन, अनोली और बिल्लेख में दो-दो जानवरों की मौत हुई है। ऐसे में पशुपालन विभाग में दर्ज आंकड़ों के सापेक्ष दुग्ध संघ में दर्ज आंकड़ों में जानवरों की मौत की संख्या छह गुना से भी अधिक है। इससे स्पष्ट है कि सरकारी मशीनरी के पास जानवरों की हुई मौत की सही जानकारी उपलब्ध नहीं है।
•अल्मोड़ा जिले में घटी 1,200 लीटर दूध की आपूर्ति
बीमार जानवरों ने दूध देना बंद कर दिया है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिले में इस माह दुग्ध उत्पादन भी घट गया है। हालात यह हैं कि बीते 15 दिनों में ही जिले में 1,200 लीटर से अधिक दुग्ध उत्पादन घट गया है। दन्या और दूनागिरि क्षेत्र इससे अधिक प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों से पूर्व में जहां 4,300 लीटर दूध दुग्ध संघ पहुंच रहा था, अब यहां से महज 3,100 लीटर दूध की आपूर्ति हो रही है।
महाप्रबंधक दुग्ध संघ राजेश मेहता ने कहा लंपी वायरस की चपेट में आए जानवरों ने दूध देना बंद कर दिया है जिससे दुग्ध उत्पादन घट गया है। दुग्ध संघ बीमार जानवरों का उपचार भी करवा रहा है। संघ के सर्वे में 79 जानवरों की मौत हुई है।