कनाडा से वापस भेजे जाएंगे 700 भारतीय छात्र, पंजाब ने केंद्र से मांगी मदद, जानिए डीपोर्टेशन का पूरा मामला

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कनाडा में पढ़ाई करने वाले 700 भारतीय स्‍टूडेंट्स पर स्वदेश वापसी का खतरा मंडरा रहा है। कनाडा सरकार ने इन छात्रों को अपने देश से डेपोर्ट कर वापस भारत भेजने का फैसला कर लिया है। दरअसल, इन सभी छात्रों पर फर्जी ऑफर लेटर के माध्यम से एडमिशन लेने का आरोप है। कनाडा सरकार के फैसले के खिलाफ भारतीय छात्र धरना दे रहे है। भारतीय स्‍टूडेंट्स का यह विरोध प्रदर्शन कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी के मुख्यालय के सामने चल रहा है। इस मामले पर पंजाब NRI मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने विदेश मंत्री (EAM) एस जयशंकर से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

🔹छात्रों पर फर्जी ऑफर लेटर से एडमिशन का आरोप 

छात्रों के पास कॉलेजों के ऑफर लेटर भी हैं और स्‍टडी वीज़ा भी, मगर उन्‍हें कनाड़ा में पढ़ने नहीं दिया जा रहा। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर स्‍टूडेंट्स पंजाब से हैं। भारतीय छात्रों का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे फर्जीवाड़े का शिकार हैं। 

🔹विदेश मंत्रालय से मांगी गई मदद 

इस मामले पर पंजाब NRI मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने विदेश मंत्री (EAM) एस जयशंकर से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। धालीवाल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि छात्रों को निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए। उनके वीजा पर विचार करते हुए वर्क परमिट दिया जाना चाहिए। 

🔹गृह मंत्री अमित शाह से किया अनुरोध 

कुलदीप सिंह धालीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि छात्रों को धोखा देने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई में केंद्र पंजाब सरकार के साथ सहयोग करे। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कानून सख्त होना चाहिए ताकि भविष्य में मानव तस्करी की घटनाएं नहीं हो सके। 

🔹जानिए क्‍यों डिपोर्ट किए जा रहे हैं छात्र 

आपको बता दें कि भारत से ऑफर लेटर लेकर कनाडा पहुंचे। इनमें से करीब 700 स्‍टूडेंट्स का ऑफर लेटर नकली निकली। यह मामला मार्च में सामने आया, जब इन छात्रों ने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया। फर्जी ऑफर लेटर के कारण इन छात्रों को प्रवेश देने से मना कर दिया। इसके बाद अब कनाडा सरकार ने इन्‍हें डेपोर्ट करने का फैसला कर लिया।

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