आखिर मेडिकल कॉलेज में कब मिलेंगे विशेषज्ञ डॉक्टर

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अल्मोड़ा। करोड़ों से खोले गए मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी दूर होने का नाम नहीं ले रही है। संचालन के दो साल बाद भी कॉलेज में रेडियोलॉजी, महिला रोग जैसे अन्य महत्वपूर्ण विभागों में 51 फैकल्टी की कमी है।ऐसे में यहां चिकित्सा का ज्ञान ले रहे विद्यार्थियों को बेहतर ज्ञान नहीं मिल पा रहा है तो मरीजों को बेहतर उपचार। 

अल्मोड़ा में दो साल पूर्व 450 करोड़ रुपये से खोले गए मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू हुआ। तब जिले की छह लाख से अधिक की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद थी। लेकिन उनकी यह उम्मीद परवान नहीं चढ़ सकी है। अब तक कॉलेज को पर्याप्त फैकल्टी नहीं मिल सकी है। कॉलेज में पांच प्रोफेसर, 22 एसोसिएट प्रोफेसर, 30 असिस्टेंट प्रोफेसर और तीन कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर की जरूरत है। लेकिन अब तक महज 9 फैकल्टी ही कॉलेज प्रबंधन को मिली है। ऐसे में यहां दो बैच में पढ़ने वाले 200 मेडिकल छात्रों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।वहीं विशेषज्ञों न होने से मरीज बेहतर उपचार के लिए जूझ रहे हैं।

रेडियॉजिस्ट और महिला रोग विशेषज्ञ की खल रही है कमी 

मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी विभाग में एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और महिला रोग विभाग में दो एसोसिएट प्रोफेसर, दो असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होनी है। लेकिन कॉलेज को यह महत्वपूर्ण फैकल्टी नहीं मिल रही। स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध महज एक रेडियोलॉजिस्ट यहां सेवा दे रहे हैं। महिला रोग विभाग में फैकल्टी न होने से यहां उपचार को पहुंची महिलाएं हायर सेंटर की दौड़ लगा रही हैं। 

सर्जरी विभाग को मिले एक एसोसिएट प्रोफेसर 

बृहस्पतिवार को सर्जरी विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर ने तैनाती ली है, जिससे कॉलेज प्रबंधन में राहत है। कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक इससे राहत मिलेगी और यहां अब बड़े ऑपरेशन भी हो सकेंगे। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैंसोड़ा का कहना है कि फैकल्टी पूरी करने के प्रयास हो रहे हैं। अब तक 9 फैकल्टी मिली है। नियुक्त 12 फैकल्टी एक माह के एक्सटेंशन में है। सर्जरी विभाग में एक एसोसिएट प्रोफेसर ने तैनाती ली है।

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