Uttrakhand News:यूट्यूब में लौट आया लोकगायक इंदर आर्या का हिट कुमाऊंनी गीत गुलाबी शरारा,यूजर्स में उत्साह

0
ख़बर शेयर करें -

उत्तराखण्ड सहित देश-दुनियां के 14 करोड़ से अधिक लोगों की पसंद बन चुका लोकगायक इंदर आर्या का हिट कुमाऊंनी गीत गुलाबी शरारा फिर से यूट्यूब में लौट आया है।

शनिवार शाम करीब सात बजे जैसे ही यह यूट्यूब पर सर्च करते हुए नजर आया तो यूजर्स में उत्साह छा गया।

अगस्त 2023 में यंग उत्तराखंड चैनल पर लांच हुआ गुलाबी शरारा गीत उत्तराखंड के लोकगीतों में पहला गीत बना, जो अब तक 14 करोड़ से अधिक लोगों की पसंद बन चुका है। नेपाल की कलाकार भाविका प्रधान के इसमें रील बनाई तो यह इंस्टाग्राम में ट्रेंड कर गया।

💠पहाड़ के लोकसंगीत जगत में भूचाल

इसके बाद देश दुनियां के सेलिब्रिटी सहित उत्तराखंड मूल के बॉलीवुड कलाकारों ने रील बनाई। यहां तक कि देश-दुनियां के सोशल मीडिया इंफ्लून्सर ने रील बनाई। हाल ही में एक पुराने गढ़वाली गीत की धुन की कॉपी होने की वजह से यूट्यूब ने इस गीत को हटा दिया तो पहाड़ के लोकसंगीत जगत में भूचाल आ गया। इंटरनेट मीडिया में लोकगायक इंदर आर्या के समर्थन में मुहिम छिड़ गई। मामला कानूनी स्तर तक पहुंच गया था।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:एसएसपी अल्मोड़ा के निर्देशन में प्रभारी इन्टरसैप्टर ने यातायात नियमों का उल्लघंन करने पर 40 चालकों के विरुद्ध ताबड़तोड कार्यवाही वाहन में क्षमता से अधिक सवारी बैठाने पर 01 चालक के विरुद्ध कोर्ट के चालान की कार्यवाही

गढ़वाल के लोकगायक गजेंद्र राणा ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा था कि यूट्यूब की स्ट्राइक में उनका कोई हाथ नहीं है, उन्होंने जो गीत गाया, कंपनी के लिए गाया और उसका मेहनताना लिया था। यह पूरी तरह चैनल का मामला है।

💠देश के अन्य लोगों का किया शुक्रिया

लोकगायक इंदर आर्या ने जागरण से बातचीत करते हुए गीत के यूट्यूब में वापस आने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि यह उनका नहीं पूरे उत्तराखंड का गीत था। जिसे देश दुनिया के लोगों ने पसंद किया। उन्होंने इस मामले में किसी तरह की जानकारी होने से इनकार करते हुए इस पूरे प्रकरण पर समर्थन के लिए उत्तराखंड के साथ ही देश के अन्य लोगों का शुक्रिया अदा किया।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News :23 नवबंर को प्राचीन खूँटकूनी भॆरव मन्दिर में भॆरवाष्टमी का होगा  भव्य आयोजन 

💠गीत वापस नहीं होता तो लोकधनों पर आ जाता संकट

साथ ही लोकगायक ललित मोहन जोशी, लोकगायक गोविंद दिगारी, यूट्यूबर अनिल पानू तथा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मनोज गोर्ख़िला का आभार प्रकट किया है। लोकगायक गोविंद दिगारी के अनुसार यदि यह गीत वापस नहीं होता तो पहाड़ के झोड़े, चांचरी सहित अन्य विधाओं की लोकधुनों पर ही संकट आ जाता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *