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देश के बाद अब प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, ऐसे में स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। लेकिन इन सब के बीच कोरोना काल के दौरान जनपद के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को समय पर प्राण वायु उपलब्ध हो इसके लिए जिला अस्पताल बेस समेत नौ स्थानों पर आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए।

कोरोना महामारी के बीच ये आक्सीजन प्लांट जीवनदायनी बने। पर वर्तमान में अब जिला और बेस अस्पताल को छोड़ कोरोना काल में जीवनदायनी बने ये आक्सीजन प्लांट तकनीशियनों के अभाव में शो पीस बनकर रह गए हैं। तकनीशियन और सर्विस के अभाव में इन आक्सीजन प्लांटों से प्राणवायु निकलनी बंद हो गई है। हालांकि विभाग का दावा है कि सभी अस्पतालों में आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

🌸निर्माण काम के चलते बंद पड़ा प्लांट

सोमेश्वर अस्पताल का उच्चीकरण किया जा रहा है। इसके चलते इन दिनों वहां निर्माण काम हो रहा है। निर्माण काम के चलते आक्सीजन प्लांट को भी शिफ्ट करना पड़ रहा है, जिससे वहां आक्सीजन प्लांट से प्राणवायु निकलनी पूरी तरह बंद हो गई है।

🌸तकनीशियन नहीं होने से बंद पड़ा प्लांट

कोरोना काल के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धौलादेवी में विधायक निधि से आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया। कुछ समय तक यह आक्सीजन प्लांट प्राणवायु देता रहा, लेकिन आउटसोर्स के माध्यम से तैनात तकनीशियन की सेवा समाप्त होने के बाद से यह प्लांट शोपीस बना हुआ है। सिलिंडरों के माध्यम से आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

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🌸चौखुटिया में सर्विस के अभाव में ठप

कोरोना काल के दौरान वर्ष 2021 में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौखुटिया में आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया। जिसके बाद डेढ़ वर्ष तक प्लांट सुचारू रहा। लेकिन अब ना आक्सीजन प्लांट को चलाने के लिए कर्मचारी और ना ही इसकी सर्विस हो सकी है। जिससे यह प्लांट बंद पड़ा है।

🌸द्वाराहाट में प्लांट को चलाने को कर्मचारी नहीं

कोरोना काल के दौरान द्वाराहाट अस्पताल में भी आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया, लेकिन यह अस्पताल से कुछ दूर बनाया गया। इससे इसके संचालन में कठिनाई हो रही है। जबकि इसको नियमित संचालन के लिए भी कर्मचारी नहीं है।

🌸रानीखेत में भी तकनीशियन नहीं

रानीखेत अस्पताल में भी प्लांट को चलाने के लिए तकनीशियन का अभाव है। इससे यहां भी आक्सीजन प्लांट शोपीस बनकर रहा गया है। इसका नियमित संचालन नहीं हो पा रहा है।

🌸सल्ट में भी शोपीस बना प्लांट

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवायल में भी आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया। लेकिन यहां भी प्लांट दो साल से सर्विस के अभाव में बंद पड़ा है। जबकि इसके संचालन के लिए भी नियमित कर्मचारी नहीं है।

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🌸भिकियासैंण में भी कर्मचारी नहीं

कोरोना काल के दौरान भिकियासैंण अस्पताल में भी मरीजों को समय पर प्राणवायु मिल सके इसके लिए आइसीआइसीआइ फाउंडेशन की ओर से प्लांट स्थापित किया। लेकिन कुछ समय चलने के बाद यहां भी कर्मचारी के अभाव में प्लांट शोपीस बना हुआ है।

🌸बेस में तीन के तीन सुचारू

मेडिकल कालेज के अधीन बेस अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया था। तब कोरोना काल के दौरान यहां तीन आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए। प्राचार्य प्रो. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि वर्तमान में तीनों आक्सीजन प्लांट सुचारू हैं। कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां पूरी है। लक्षण वाले मरीजों की जीनोम सेक्विंसिंग जांच भी की जाएगी।

🌸जिला अस्पताल में भी सुचारू

जिला अस्पताल में भी प्लांट सुचारू हैं, इसके अलावा अस्पताल आक्सीजन कंसलेटर और सिलिंडर भी पर्याप्त मात्रा में है। पीएमएस डा. एचसी गड़कोटी ने बताया कि निर्देशों के तहत पूरी तैयारी हैं।

आक्सीजन की कमी नहीं है, सभी को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। कुछ जगहों पर सर्विस और तकनीशियनों के अभाव में आक्सीजन प्लांट बंद हैं। सर्विस के लिए धनराशि की मांग गई है। तकनीशियनों की तैनाती के लिए भी उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। – डा. आरसी पंत, सीएमओ अल्मोड़ा

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