Uttrakhand News :एम्स ऋषिकेश में नए साल से शुरू हो जाएगी लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा,एम्स लीवर ट्रांसप्लांट करने वाला उत्तराखंड का पहला चिकित्सा संस्थान होगा
एम्स में आयोजित हुई लीवर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के संबंध में राष्ट्रीय स्तर की गोष्ठीI नए साल में एम्स ऋषिकेश के नाम एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी। नए साल में यहां लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू हो जाएगी।
💠एम्स लीवर ट्रांसप्लांट करने वाला उत्तराखंड का पहला चिकित्सा संस्थान होगा।
लीवर ट्रांसप्लांट की अनुमति मिलने पर संस्थान ने इस जटिल प्रक्रिया को शुरू करने से पहले देशभर के विशेषज्ञ लीवर ट्रांसप्लांट शल्य चिकित्सकों के साथ निरंतर स्वास्थ्य शिक्षा (सीएमई) के तहत चर्चा की। विशेषज्ञों ने इस प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों से निपटने और उसे सरलीकृत करने की आवश्यकता जताई।
संस्थान के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित गोष्ठी में एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि लीवर ट्रांसप्लांट शुरू होने से एम्स ऋषिकेश स्वास्थ्य क्षेत्र में और मजबूत हो सकेगा। एम्स अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी ने कहा कि तकनीक और अनुभवी चिकित्सकों के बल पर भारत दुनिया में लीवर ट्रांसप्लांट के अग्रणी केंद्रों में से एक बन गया है। कहा कि अंग दान और अंग प्रत्यारोपण को विनियमित करने वाले कानून अस्तित्व में आए हैं। हालांकि अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में अभी भी बहुत बाधाएं हैं। लेकिन भारत ने लीवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने लीवर ट्रांसप्लांट की संख्या के मामले में भारत को शीर्ष तीन देशों में से एक बताया।
पीजीआई चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक प्रो. वाईके चावला ने अपने अनुभवों के आधार पर लीवर ट्रांसप्लांट में सरकारी संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके निदान के संबंध में बताया। एम्स के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रोहित गुप्ता ने लीवर ट्रांसप्लांट की स्थापना व इसकी आवश्यकताओं से अवगत कराया। उन्होंने अगले वर्ष तक संस्थान में लीवर ट्रांसप्लांट शुरू करने की योजना साझा की।
💠अक्तूबर माह में मिली थी अनुमतिI
रीजनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन ने बीते अक्तूबर माह में एम्स उत्तराखंड को लीवर ट्रांसप्लांट की अनुमति दी थी। अनुमति देने से पूर्व आर्गेनाइजेशन ने संस्थान का निरीक्षण किया था। एम्स ऋषिकेश लीवर ट्रांसप्लांट की अनुमति प्राप्त करने वाला उत्तराखंड का पहला चिकित्सा संस्थान है।
💠आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को होगा फायदाI
एम्स में इस सुविधा के शुरू होने से सबसे अधिक फायदा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को होगा। निजी संस्थानों में लीवर ट्रांसप्लांट का खर्चा करीब 15 से 25 लाख रुपये तक आता है। जबकि सरकारी अस्पताल में इस राशि के एक चौथाई में ही लीवर ट्रांसप्लांट हो जाएगा।