Uttrakhand News :उत्तराखंड में संचालित सभी मदरसों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा,प्रत्येक मदरसे में योग की कक्षाएं जल्द शुरू

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उत्तराखंड में संचालित सभी 415 मदरसों को अब राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा। इसकी रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने ””दैनिक जागरण”” से मुलाकात में इस योजना की जानकारी साझा की।

उन्होंने कहा कि क्षय रोग उन्मूलन, पल्स पोलियो टीकाकरण, मातृ-शिशु कल्याण समेत स्वास्थ्य से जुड़े जितने भी राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं, उनमें मदरसों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब बच्चे स्वस्थ होंगे तो देश स्वस्थ होगा और विकसित भारत का स्वप्न साकार होगा। इस मुहिम से मदरसों के बच्चों में यह संदेश जाएगा।

कासमी ने कहा कि परिषद ने मदरसों में योग को अनिवार्य हिस्सा बनाने का निश्चय किया है। प्रयास ये है कि प्रत्येक मदरसे में योग की कक्षाएं जल्द से जल्द शुरू हों। इसके लिए जिलेवार मदरसा संचालकों के साथ बैठकों का क्रम शुरू किया जा रहा है। छह जनवरी को पहली बैठक हरिद्वार में होगी। इसके अलावा संस्कृत को ऐच्छिक विषय के रूप में रखा जाएगा। इससे मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी सनातन के बारे में ज्ञान हासिल कर सकेंगे।

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💠गाय को घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु

गाय, गंगा व हिमालय की मुहिम के बारे में पूछे जाने पर कासमी ने कहा कि वह वर्ष 2003 से मांग उठा रहे हैं कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गोमाता अपने दूध से हमारे बच्चों को कुपोषण से बचाती है। उन्होंने कहा कि अहिंसक देश का हिंसक पशु राष्ट्रीय पशु हो सकता है तो जिस गोमाता ने हमारे बच्चों को बचाया है, उसे राष्ट्रीय पशु क्यों घोषित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में वह जल्द ही प्रधानमंत्री को पत्र प्रेषित कर अनुरोध करेंगे।

💠मदरसों को हुनर योजना से भी जोड़ेंगे

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कासमी ने कहा कि हम मदरसों को कौशल विकास की तरफ भी ले जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मदरसों के बच्चों के कौशल विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें हुनर योजना से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही मदरसों के आधुनिकीकरण के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

💠मुस्लिम समाज में फैले भ्रम को करना होगा दूर

मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में कुछ लोगों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा से मुसलमानों को दूर करने के लिए समाज में भ्रम पैदा करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा हिमालय, पर्यावरण, गंगा, पशु-पक्षी की बात करते हैं, वो किसी को नुकसान क्यों पहुंचाएंगे। भारतीय संस्कृति तो वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा पर चलते हुए समूचे विश्व को परिवार मानती है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के बीच जो भ्रम है, उसे दूर करना होगा।

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