Uttrakhand News :उत्तराखंड में गुलदार का आतंक, विद्यालय परिसर में गुलदार दिखने से जिलाधिकारी ने दिया स्कूल बंद करने का आदेश

ख़बर शेयर करें -

अमस्यारी क्षेत्र में फिर से गुलदार दिखने से ग्रामीण डरे हुए हैं। जिलाधिकारी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय और राजकीय इंटर कालेज अमस्यारी बुधवार को एक दिन के लिए बंद रखने का आदेश दिया है

गुलदार की दहशत के कारण अभिभावकों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया था।

💠बना हुआ है गुलदार का आतंक

गरुड़ तहसील क्षेत्र के इंटर कालेज अमस्यारी में 24 अगस्त सुबह सवा सात बजे गुलदार ने स्कूल जा रही भिलकोट की छात्रा ज्योति पर हमला कर दिया था। उसके साथ दिव्या भी थी। उसी गांव के भाष्कर ने गुलदार के हमले को नाकाम किया। वहां वर्तमान में भी गुलदार का आतंक बना है।

💠गुलदार के डर से विद्यायलों में अवकाश

बीते मंगलवार को फिर गुलदार कालेज परिसर में दिखा, जिसके बाद क्षेत्र में दहशत फैल गई। जिला प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने 30 अगस्त को विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया है। वन विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  Weather Update:मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट किया जारी,कहीं आकाशीय बिजली चमकने को लेकर भी चेतावनी की गई जारी

💠नरभक्षी गुलदार के बदले व्यवहार से वन विभाग भी चिंतित

वहीं टिहरी में प्रतापनगर ब्लॉक के भरपूरिया गांव में नरभक्षी गुलदार के बदले व्यवहार से वन विभाग भी चिंतित है। 20 अगस्त से भरपूरिया गांव के आसपास गुलदार नजर नहीं आ रहा है। जबकि आमतौर पर गुलदार इंसान पर हमला करने के बाद कुछ दिन उसी क्षेत्र के आसपास घूमता है लेकिन यहां पर गुलदार की तीन दिन बाद भी लोकेशन नहीं मिल पाई है।

19 अगस्त को भरपूरिया गांव में तीन साल के मासूम आरव पर गुलदार ने हमला कर दिया था जिससे आरव की मौत हो गई थी। उसके बाद वन विभाग ने टीम गांव में तैनात है और दो कैमरा ट्रैप के अलावा पिंजरा भी लगाया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News:चार अगस्त से 11 अगस्त तक चलेगी उत्तराखंड बोर्ड की सुधार परीक्षा,19,106 परीक्षार्थी देंगे परीक्षा

💠नहीं मिला गुलदार का लोकेशन

गुलदार को नरभक्षी घोषित कर उसे मारने के लिये शूटर भी तैनात किये गये हैं लेकिन तीन दिन बाद भी गुलदार की लोकेशन नहीं मिली है। ऐसे में विभाग परेशान है कि गुलदार किसी आसपास के गांव में न चला गया हो। इसके अलावा गुलदार पिंजरे और कैमरा ट्रैप के आसपास भी नजर नहीं आया है। जबकि आमतौर पर गुलदार ने अपने शिकार के आसपास ही कुछ समय तक रहता है.