उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह की रिहाई पर जताई आपत्ति

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आईएएस एसोसिएशन ने बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि बीते दिनों जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह को रिहा किया गया है।बिहार सरकार ने 24 अप्रैल को पूर्व लोकसभा सदस्य आनंद मोहन सिंह समेत 27 कैदियों की जेल से रिहाई के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। उत्तराखंड के आईएएस एसोसिएशन ने बिहार सरकार के इसी फैसले पर आपत्ति जताई है। 

उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी स्वर्गीय श्री जी कृष्णैया की जघन्य हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर आईएएस एसोसिएशन पीड़ा व्यक्त करता है।सजा में बदलाव कर सजा माफ करने का नियम न्यायालय के आदेश का घोर उल्लंघन है। यह फैसला न्याय के सिद्धांतों की उपेक्षा करता है। साथ ही यह पीड़ितों के दर्द के प्रति असंवेदनशील प्रतीत होता है।’

आईएएस एसोसिएशन के बयान में आगे कहा गया कि ‘इस तरह के फैसले हर सिविल सेवक के भरोसे पर प्रहार करते हैं। यह समाज के लिए हानिकारक है।

हम राज्य (बिहार) सरकार से राष्ट्र के हित में जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की पुरजोर अपील करते हैं।’बता दें कि आईएएस जी कृष्णैया मर्डर केस में लोअर कोर्ट ने साल 2007 में आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी। साल 2008 में पटना हाईकोर्ट ने आनंद मोहन की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।

बीते दिनों आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया गया। बिहार सरकार के इस फैसले का अब आईएएस एसोसिएशन द्वारा विरोध किया जा रहा है।

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