उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध नही लगाए जाने पर जिलाधिकारियों से मांगे जवाब
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध नही लगाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज हुई सुनवाई में नगर निगम कमिश्नर पंकज उपाध्याय व्यक्तिगत रूप से पेस हुए।
कोर्ट ने उनसे कूड़ा निस्तारण हेतु अभी तक किए गए उपायों की रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर पेस करने को कहा है। कोर्ट ने सभी जिला अधिकारियो को निर्देश दिए है कि 2017 में साईं सेवा नाथ मंडल की जनहित याचिका में दिए गए दिशा निर्देशों का कितना पालन किया गया
कितना नही पैरा वाइज दिशा निर्देशों का जवाब कोर्ट में पेश करें।आज सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त हल्द्वानी पंकज उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि हल्द्वानी में फैले कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के निर्माण हेतु चार बार टेंडर निकाला गया परन्तु अभी तक उसका टेंडर नही हुआ है।
जहाँ पर यह प्लांट बनाया जाना है उस जगह से कूड़ा हटाया जाना है। जिसे शीघ्र किया जायेगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के निर्माण हेतु फिर से विज्ञप्ति जारी की जा रही है।
आपकों बता दे कि अल्मोडा निवासी जितेंद्र यादव ने जनहित याचिका दायर कर कहा हकार ने 2013 में बने प्लास्टिक यूज व उसके निस्तारण करने के लिए नियमावली बनाई गई थी। परन्तु इन नियमों का पालन नही किया जा रहा है। 2018 में केंद्र सरकार ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स बनाए गए थे जिसमे उत्पादकर्ता, परिवहनकर्ता व बिक्रेताओ को जिम्मेदारी दी थी
कि वे जितना प्लास्टिक निर्मित माल बेचेंगे उतना ही खाली प्लास्टिक को वापस ले जाएंगे। अगर नही ले जाते है तो सम्बंधित नगर निगम , नगर पालिका व अन्य फण्ड देंगे जिससे कि वे इसका निस्तारण कर सकें। परन्तु उत्तराखंड में इसका उल्लंघन किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्लास्टिक के ढेर लगे हुए है और इसका निस्तारण भी नही किया जा रहा है।