उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने इस जनपद के विद्यालयों को ग्रीष्मावकाश देने से किया इनकार ये है कारण

ख़बर शेयर करें -

सीबीएसई पैटर्न लागू कर सरकारी विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय बनाने का प्रयोग सफल नहीं होने के बाद अब शिक्षा विभाग सख्ती के मूड में है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने 50 प्रतिशत से कम परीक्षाफल वाले विद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगा है।कंपार्टमेंट की श्रेणी में आए छात्र-छात्राओं को परीक्षा की तैयारी कराने के लिए ग्रीष्मावकाश में भी विद्यालय खोलने के निर्देश दिए हैं।
महानिदेशक बंशीधर तिवारी की ओर से जारी किए गए पत्र के अनुसार जिस विषय के विषय के विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है, उनको गहनता से परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। गर्मियों की छुट्टी में प्रधानाचार्य और जिस विषय में छात्र-छात्राओं की कंपार्टमेंट आई है उस विषय के शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहेंगे। पत्र में मुख्य शिक्षाधिकारी को सीबीएसई देहरादून रीजन के औसत परीक्षाफल से कम परीक्षाफल वाले विषध्याध्पकों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जिले में छह में से पांच अटल उत्कृष्ट विद्यालय राइंका वज्यूला, राइंका अमस्यारी, राइंका स्यांकोट, राइंका सानिउडियार और राइंका भटखोला में पहली बार सीबीएसई पैटर्न के अनुसार बोर्ड परीक्षा हुई थी। शिक्षा विभाग की जानकारी के अनुसार इंटरमीडिएट में राइंका वज्यूला, राइंका अमस्यारी और हाईस्कूल में राइंका सानिडियार को छोड़कर अन्य स्कूलों का परीक्षाफल 50 प्रतिशत से कम रहा है। ऐसे में इन विद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगा जाना तय है। बागेश्वर। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के कमजोर परीक्षाफल के लिए शिक्षकों को उत्तरदायी ठहराने और ग्रीष्मकालीन अवकाश पर रोक लगाने का एसएसी-एसटी शिक्षक एसोसिएशन को अनुचित बताया है। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा की अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में शिक्षकों का कहना था कि उत्तराखंड बोर्ड के विद्यार्थी हिंदी माध्यम से पढ़ाई करते चले आ रहे थे, अचानक उन्हें सीबीएसई बोर्ड से जोड़कर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने में कठिनाई हुई। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में आवश्यक विषयों के शिक्षकों का नहीं होना और पैटर्न में बदलाव के बाद शिक्षकों को प्रशिक्षण नहीं देना भी परीक्षाफल कमजोर रहने का कारण बना। प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि परीक्षाफल में विद्यार्थियों के कमजोर प्रदर्शन के लिए शिक्षक को मानसिक रूप से परेशान करने की बजाय शिक्षकों से बातचीत, विभागीय स्तर की समीक्षा और विद्यालय स्तर पर शैक्षिक गोष्ठी कर समीक्षा की जानी चाहिए। बैठक में महामंत्री महेंद्र प्रकाश, उपाध्यक्ष डीआर बाराकोटी, आरएल आर्य, आनंद सिंह विद्रोही, रघुवीर सिंह तोमर, विजय बैरवाण, गणेश मर्तोलिया, मनोहर प्रसाद, अनूप कुमार पाठक आदि मौजूद रहे। बागेश्वर के सीईओ जीएस सौन का कहना है कि जिले के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के अधिकांश विद्यार्थी अंग्रेजी, गणित जैसे विषयों में कंपार्टमेंट श्रेणी में हैं। जिन विषयों में विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है, उन विषयों के शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश में विद्यालय आना होगा। महानिदेशक के निर्देशानुसार परीक्षाफल की समीक्षा करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
sources by social media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *