13 महीने के बच्चे की जान बचने के लिए साढ़े 17 करोड़ का इंजेक्शन लगाना जरूरी, जानिए कौन सी है बीमारी

नई दिल्ली : कनक एक 13 महीने का मासूम छोटा बच्चा है, जो एक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर स्पाइनल मसल एट्रोफी टाइप 1 नमक डिसऑर्डर से जूझ रहा है इस डिसऑर्डर का इलाज करने के लिए कनक को साढ़े 17 करोड़ रुपए का Zolgensma इंजेक्शन लगाना पड़ेगा।
इस डिसऑर्डर की वजह से कनव के शरीर की मांसपेशियां धीरे धीरे काम करना बंद कर रही हैं। इस बीमारी का पता प्रेग्नेंसी में ही पता लगाया जा सकता है। कनव के पिता बताते हैं कि एक टेस्ट के जरिए ये पता चल जाता है।
कनव के पिता अमित जांगरा इस डिसऑर्डर के लिए लोगों में जागरुकता भी फैला रहे हैं, जिससे और किसी को कंव जैसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े। कनव की माँ और पिता इंपैक्ट फंड रेजर के जरिए साढ़े 17 करोड़ रूपए जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक 7 करोड़ के तकरीबन फंड जुटाया गया है, लेकिन अभी भी लंबा सफर बाकी है।
बता दें कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चों में केवल 2 साल तक ही ये इंजेक्शन लग सकता है। स्पाइनल मसल एट्रोफी में शरीर के अंदर एक जीन मिसिंग होता है। Zolgensma इंजेक्शन देकर ये जीन शरीर में डाला जाता है, जिसके बाद शरीर को मसल ठीक होने लगती है। समय की कमी है इसलिए जल्द से जल्द इंजेक्शन लगना जरूरी है।