खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या 10 लाख था इनाम

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कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. दो अज्ञात बंदूकधारी कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारा के बाहर निज्जर को गोली मारकर फरार हो गए.

 

 

 

 

 

 

निज्जर कनाडा में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन का प्रमुख और खालिस्तानी टाइगर फोर्स का मुखिया भी था.वो कनाडा में बैठकर भारत के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था.

 

 

 

 

 

 

 

हरदीप सिंह निज्जर का नाम पंजाब के जालंधर में 2021 में हिंदू पुजारी की हत्या में भी सामने आया था. इसके अलावा राज्य की और भी कई वारदातों में उसकी भूमिका रही थी. पिछले साल राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA की ओर से हरदीप सिंह पर 10 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था. वहीं, भारत सरकार ने निज्जर को वांटेड आतंकवादी घोषित कर रखा था.

 

 

 

 

 

 

हाल ही में भारत सरकार की ओर से जारी 40 मोस्ट वांटेट आतंकवादियों की सूची में भी इसका नाम शामिल था.निज्जर की हत्या ऐसे समय में हुई जब पिछले हफ्ते ब्रिटेन में खुंखार खालिस्तानी आतंकी और लंदन में स्थित भारत दूतावास पर तिरंगे का अपमान करने वाले अवतार सिंह खांडा ने बीमारी के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया. खांडा को ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह का मेन हैंडलर माना जाता था. पिछले कुछ महीने से ब्रिटेन में सामने आई खालिस्तानी गतिविधियों में खांडा की भूमिका अहम रही है.

 

 

 

 

 

 

 

 

असम की जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को ट्रेंड करने में खांडा की बड़ी भूमिका मानी जाती है. यहां तक की पंजाब पुलिस की ओर से जब अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही थी तो खांडा की वो शख्स था जो 37 दिनों तक उसे बचाता रहा. ब्रिटेन में बैठकर को भारत में अपने स्लीपर सेल के जरिए वो अमृतपाल को सुरक्षित स्थान मुहैया कराया था.इस महीने की शुरुआत में खालिस्तानी समर्थकों की ओर से कनाड़ा में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्याकांड से जोड़कर एक आपत्तिजनक झांकी भी निकाली थी. जिसमें वर्दीधारी दो पुतले इंदिरा गांधी की तस्वीर पर गोली चलाते हुए नजर आए थे.

 

 

 

 

 

 

सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी सामने आया था. हालांकि, इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयंशकर ने आपत्ति भी जताई थी. उन्होंने कहा था कि यह दोनों देशों के बीच रिश्तों के साथ-साथ खुद कनाडा के लिए भी ठीक नहीं है.

sources by social media

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