उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा रीति रिवाज, भाषा के संरक्षण के लिए बने कानून –यूकेडी

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देहरादून– उत्तराखंड क्रांति दल ने उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा रीति रिवाज, भाषा के संरक्षण और विकास के लिए कानून बनाने की मांग की है।

 

यूकेडी के वरिष्ठ नेता डॉ. शक्ति शैल कपरवाण ने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों की पहाड़ विरोधी नीतियां रही हैं। इससे उत्तराखंड में प्राचीन हजारों तीर्थ स्थलों की उपेक्षा होने से पहाड़ वासियों की धार्मिक भावनाओं को बड़ा आघात लगा है।

 

 

ऐसे में सरकार और उत्तराखंड के सभी विधायकों से मांग करते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड की रक्षा और विकास करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राचीन समय से मठ मंदिर ऋषियों की तपस्थली और सैकड़ों तीर्थ खंडहर स्थिति में है, या फिर वह नष्ट हो चुके हैं। ऐसे में सरकार को उनके जीर्णोद्धार और विकास के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना चाहिए।

 

 

 

उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि विधानसभा सत्र में भू कानून, हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बनाया जाए और उसे शीघ्र लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से भाजपा और कांग्रेस की जब से सरकारे बनी, तब से पहाड़ के 2000 गांव खाली हो गए हैं। राष्ट्रीय पार्टियों के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में पहाड़ की संस्कृति नष्ट हो गई है, और पहाड़ ने अपनी अस्मिता खो दी है।

 

 

 

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