उत्तराखंड के शिक्षकों को अंतरमंडलीय तबादले का लाभ नहीं मिलने से शिक्षको के तबादले अटके

ख़बर शेयर करें -

 

 

 

शिक्षक पिछले कई वर्षों से शिक्षकों को अंतरमंडलीय तबादले का लाभ देने की मांग कर रहे हैं.तबादला ऐक्ट के मानक के अनुसार, दो कार्मिकों का विवाह होने पर किसी एक कर्मी के ऐच्छिक कैडर परिवर्तन या कैडर के बाहर तबादले की मांग पर तबादला होगा. विकास योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण होने पर या फिर दैवीय आपदा की वजह से शासन द्वारा दूसरे स्थान पर पुनर्वासित किए गए कर्मचारी अंतर कैडर तबादले के पात्र होंगे.

 

 

 

 

 

 

ऐसे तबादले में कर्मचारी की वरिष्ठता शून्य हो जाएगी. साथ ही ऐसे तबादले के लिए ऐक्ट के तहत गठित मुख्य सचिव समिति से मंजूरी लेनी होगी.

 

 

 

 

अल्मोड़ा के स्यालदे में तैनात टिहरी मूल के शिक्षक विपुल सकलानी कहते हैं कि बड़ी संख्या में गढ़वाल मंडल के शिक्षक कुमाऊं मंडल में नियुक्त हैं. इसी प्रकार कुमाऊं मंडल के शिक्षक भी गढ़वाल में तैनात हैं. दोनों कैडर के शिक्षक पारस्परिक तबादले की मांग कर रहे हैं. कई शिक्षकों ने बात कर परस्पर सहमति भी बना ली है.

 

 

 

 

 

तबादला ऐक्ट के मानक से तो किसी भी शिक्षकों को अंतरमंडलीय का लाभ नहीं मिल पाएगा. सकलानी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि तबादला ऐक्ट की मुख्य सचिव समिति के तहत अंतरमंडलीय श्रेणी के सभी तबादलों को मंजूरी दी जाए.

 

 

 

 

उधर, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ.सोहन सिंह माजिला बोले, पूरे सेवाकाल में एक बार अंतरमंडलीय तबादले की मांग काफी समय से की जा रही है. ऐक्ट के प्रावधान लागू हुए तो सैकड़ों एलटी शिक्षक शिक्षक तबादले का लाभ पाने से रह जाएंगे. मालूम हो कि प्रवक्ता कैडर राज्य कैडर है जबकि एलटी कैडर मंडलीय कैडर है. एलटी शिक्षक ही लंबे समय से अंतरमंडलीय तबादलों की मांग करते आ रहे हैं. दुर्गम शिक्षक समन्वयक मंच प्रांतीय संयोजक सुजान सिंह बुटोला भी कहते हैं कि सरकार को इस साल सभी रिक्त पदों पर तबादले करने चाहिए.

sorese by social media

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *