चाय बगान अल्मोड़ा की महिलाओ को बना रहा है आत्मनिर्भर, टी बोर्ड ने दिया तीन हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार

अल्मोड़ा। जिले में टी बोर्ड ने महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार खोले हैं। टी बोर्ड ने जिले के छह विकासखंडों में चाय बागान स्थापित कर तीन हजार से अधिक महिलाओं के हाथों को काम दिया है।इन महिलाओं ने चाय बागान के विस्तारीकरण के साथ ही स्थापित बागानों से चाय की पत्तियों का दोहन कर एक साल में 67 लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित की है, जिससे उनके चेहरे पर खुशी है।
इससे क्षेत्र की तीन हजार महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार मिला
अल्मोड़ा के ताकुला, चौखुटिया, स्याल्दे, हवालबाग, भैंसियाछाना, धौलादेवी ब्लॉक में टी बोर्ड के सहयोग से छह चाय बागान स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में 141.79 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित इन बागानों से चाय का उत्पादन हो रहा है। इससे क्षेत्र की तीन हजार महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार मिला है। मनरेगा के तहत तीन हजार से अधिक महिलाएं चाय बागान से जुड़ कर अच्छी आय कमा रही हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन महिलाओं ने बागानों का विस्तार और चाय की पत्तियों का दोहन कर 67 लाख 63 हजार रुपये की कमाई की है जो अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार की राह दिखा रही हैं।
विदेशों में भी महक बिखेर रही है अल्मोड़ा की चाय
यहां पैदा होने वाली ऑर्थोडॉक्स और ग्रीन-टी विदेशों में भी अपनी महक बिखेर रही है। टी बोर्ड के मुताबिक इस चाय की विदेशों में खासी मांग है। इसे देखते हुए चाय बागानों का लगातार विस्तार किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
इतनी भूमि पर हो रहा है चाय का उत्पादन
धौलादेवी में 71.28 हेक्टेयर, ताकुला में 45, चौखुटिया में 6.70, स्याल्दे में 11, हवालबाग में 5.30 और भैसियाछाना में 2.43 हेक्टेयर में ऑर्थोडॉक्स और ग्रीन टी चाय का उत्पाद हो रहा है।
पिछले वर्ष तीन करोड़ रुपये की चाय का निर्यात हुआ
टी बोर्ड के मुताबिक पिछले साल इन चाय बागानों से उत्पादित तीन करोड़ रुपये की चाय का निर्यात देश और विदेशों में किया गया। ऐसे में इन बागानों से जुड़े किसानों की आय बढ़ी और इसे देखते हुए अन्य किसान भी चाय बागान स्थापित करने लगे। इससे किसानों को अच्छी आमदनी हुई। जिसे देख कर दूसरे किसान भी चाय बागान स्थापित करने के लिए बोर्ड से संपर्क कर रहे हैं।
विशेषज्ञ, डी बोर्ड डॉ. भुपेन डैका, ने कहा अल्मोड़ा के छह विकासखंडों में चाय का उत्पादन होने से क्षेत्र के बेरोजगारों और महिलाओं को रोजगार मिला है। उत्पादन बढ़ाने के लिए बोर्ड किसानों की हर संभव मदद कर रहा है ताकि उनकी आय में और इजाफा हो सके।