सीतारमण ने दक्षिण कोरियाई, के उप-प्रधानमंत्री से की मुलाकात, भारत में निवेश के अवसरों पर हुई व्यापक चर्चा

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया के उप प्रधानमंत्री चू क्यूंग-हो के साथ मुलाकात की और भारत में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के और अधिक अवसरों के बारे में चर्चा की। 

चू क्यूंग देश के अर्थव्यवस्था एवं वित्त मंत्री भी हैं। सीतारमण ने विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण, समुद्री संसाधनों सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए भारत में अधिक अवसरों पर जोर दिया। 

राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मना रहे भारत-दक्षिण कोरिया

उन्होंने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में एडीबी की 56वीं वार्षिक बैठक से इतर अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष से मुलाकात की। वित्त मंत्रालय के सिलसिलेवार ट्वीट के अनुसार, दोनों नेताओं ने माना कि भारत और दक्षिण कोरिया एक विशेष रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं, जो इस तथ्य से भी जाहिर होता है कि दोनों देश भारत-दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। 

 बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिए दक्षिण कोरिया को किया आमंत्रित

सीतारमण ने भारत में निवेश को और आकर्षित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र के लिए भारत के सक्षम नीतिगत ढांचे पर भी जोर डाला। उन्होंने कोरिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (केआईसी) और अन्य निवेशकों को भारत में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को आगे बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया। 

दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्री ने कहा कि दोनों देशों को सहयोग और संबंधों को व्यापक बनाना जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कोरिया को भारत में निवेश के अवसरों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। 

ईडीएफसी ऋण समझौते से खुलेगा अन्य परियोजनाओं के लिए प्रवेश द्वार

वहीं, सीतारमण ने कहा कि नागपुर मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए हाल ही में हस्ताक्षरित ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) ऋण समझौते से भारत में अन्य विकास परियोजनाओं के लिए एक प्रवेश द्वार खुल जाएगा। नागपुर प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए चू क्यूंग-हो ने सीतारमण को सूचित किया कि परियोजना में कोरियाई निवेश वर्तमान में 215 अरब वॉन (लगभग 1,495.68 करोड़ रुपये) है। 

दक्षिण कोरिया ने की भारत की जी-20 अध्यक्षता की सराहना

चू क्यूंग-हो ने जी-20 की के लिए भारत की सराहना की और इसकी अध्यक्षता के लिए कोरिया के सहयोग और समर्थन का विस्तार किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत और व्यापक बनाना जारी रखना सार्थक होगा। सीतारमण ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और निवेश सहयोग को और गहरा करने के लिए और अधिक तरीकों की उम्मीद कर रहा है। 

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