सलाम है इनके हौसले को दिव्यांग खिलाड़ी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड में किया अपना नाम शामिल

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रूड़की के लक्सर के दिव्यांग दिग्विजय सिंह ने 35 किलोमीटर की लंबी नॉनस्टॉप रेस जीतकर वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम शामिल किया है।

 

 

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंख से कुछ नहीं होता हौसलों में उड़ान होती है यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है लक्सर के खिलाड़ी दिव्यांग दिग्विजय। दिग्विजय ने 35 किलोमीटर की लंबी राइड में जहाँ 7 राज्यों से होकर 35 किलोमीटर की लंबी नॉनस्टॉप रेस जीतकर वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया था

 

वही एक बार फिर दिग्विजय ने एक और उपलब्धि पाई है। दिसंबर 2021 में आयोजित 4000 किमी की कार रेस को दिग्विजय ने 76 घंटों में पूरी कर पहला स्थान प्राप्त किया था। उनकी इस उपलब्धि को वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया है।

 

 

वहीं लक्सर एसडीएम ने दिग्विजय को अपने कार्यालय में सम्मानित किया।
दाबकी निवासी डॉ. जितेंद्र सिंह के दो बेटे हैं। इनमें छोटा बेटा दिग्विजय के दोनों पैर जन्म से खराब हैं। दिग्विजय को रेस का शौक है। वे अक्सर कार व बाइक रेस की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहते हैं। दिसंबर 2021 में गुंबल इंडिया नामक संस्था ने गुजरात के कोटेश्वर धाम से अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा पर स्थित देश के अंतिम गांव काहो तक चार हजार किलोमीटर की नॉनस्टाप कार रेस आयोजित की थी। दिग्विजय सहित कुल 17 खिलाड़ियों ने इस कार रेस में हिस्सा लिया था। दिग्विजय ने लगातार 76 घंटे कार चलाकर यह रेस जीती थी। जीत के बाद दिग्विजय ने अपनी इस उपलब्धि को वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल करने के लिए आवेदन किया था। उनके आवेदन की स्क्रूटनी कर पूरी जांच करने के बाद आखिरकार उनकी उपलब्धि वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल कर ली गई हे।

 

 

 

इसी 22 मई को वर्ल्ड रिकॉर्ड के चीफ एडिटर पवन सोलंकी ने मुंबई के अंधेरी शहर में बुलाकर वर्ल्ड रिकार्ड्स की ट्राफी प्रदान की। दिव्यांग खिलाड़ी का नाम वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल होने की जानकारी मिलने पर एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने दिग्विजय को अपने कार्यालय में सम्मानित कर, उनका हौसला बढ़ाया। एसडीएम ने भविष्य में हरसंभव मदद करने का भरोसा भी दिग्विजय को दिया है

 

 

 

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