बागेश्वर पर्यावरण दिवस पर जिला कार्यालय परिसर में पौधों का किया रोपण
बागेश्वर पर्यावरण दिवस पर जिला कार्यालय परिसर में पौधों का किया रोपण।
पर्यावरण दिवस पर जिला कार्यालय परिसर में जिलाधिकारी अनुराधा पाल, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, जिला विकास अधिकरी संगीता आर्या ने मौलश्री एवं मोरपंखी पौधों का रोपण किया। साथ ही वन विभाग द्वारा सभी अधिकारियों को अपने कार्यालय परिसर में लगाने के लिए मोरपंखी पौध वितरित भी किए। इसके उपरांत पर्यावरण संरक्षण एवं लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट की शपथ भी दिलाई गयी।
पर्यावरण दिवस पर आयोजित वर्चुअल संवाद के दौरान सुबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा पर्यावरण से ही हमें शुद्ध हवा व पानी मिलता है। हमें अपने आने वाली पीढी के लिए पर्यावरण को संरक्षण करना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता एवं जन सहभागिता अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ ही तापमान में वृद्धि हो रही है, जो चिंता का विषय है, इसके संतुलित के लिए पर्यावरण एवं जल संरक्षण व संवर्द्धन आवश्यक है, इसमें हम सभी को सहभागी बनना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईकोलॉजी व ईकोनॉमी में समन्वय स्थापित करते हुए विकास करना है तथा धरती मॉ को सभी प्रकार के प्रदूषण से मुक्त करना हैं। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक को पर्यावरण एंव मनुष्य के लिए घातक बताते हुए इसका उपयोग न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए प्रदेश में 975 लक्ष्य के सपेक्ष 1092 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमने पर्यावरणीय सकल उत्पाद को आगे बढाने का फैसला लिया गया है, पर्यावरणीय सकल उत्पाद योजना लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।
उन्होंने देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल जनपदों में 50-50 किमी साईकिल ट्रैक तथा पहाडी जिलों में उपलब्धता के अनुसार साईकिल ट्रैक बनाने, नदी पुनर्जीवन बोर्ड गठन, स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्रामसभाओं को प्रोत्साहन देने की घोषण की।
वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने भी विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण का संरक्षण एंव संवर्द्धन करना हम सभी का दायित्व है, इसके लिए जन जागरूकता व जन सहभागिता आवश्यक है।
उन्होंने प्रत्येक गांव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट समितियों का गठन कर सक्रिय करने के निर्देश दिए। साथ ही जल स्रोतों का संवर्द्धन व संरक्षण के साथ ही विद्यालयों में बच्चों को प्लास्टिक उपयोग न करने के लिए जागरूक करने को कहा। उन्होंने वनाग्नि को रोकने व वनों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को जोडने का आह्वान किया।
इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 डीपी जोशी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजेश कुमार, पंचायतीराज अधिकारी आरसी आर्या, महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज श्रीवास्तव, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन, अधि.अभि. लोनिवि राजकुमार, जल संस्थान सीएस दवेडी, जल निगम वीके रवि, ग्रामीण निर्माण विभाग रमेश चन्द्रा, विद्युत मोहम्मद अफजाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 हरीश पोखरिया सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।
रिपोर्ट हिमांशु गढ़िया