पिथौरागढ़: पर्यटन विभाग की संयुक्त टीम लिपुलेख की चोटी का निरिक्षण कर लौटी,किये कैलाश पर्वत के मनमोहक दर्शन

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पर्यटन परिषद उत्तराखंड के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुर्वे के आदेश पर केएमवीएन, एसडीएम धारचूला, राजस्व विभाग, सेना और जिला पर्यटन विभाग की संयुक्त टीम लिपुलेख जाकर भविष्य में धार्मिक पर्यटन की संभावना का सर्वे कर लौट आई है।

🔹सेना के सूबेदार राम सिंह ने लिपुलेख जाकर निरीक्षण किया

बता दें कि 23 मई को भारतीय सीमा के लिपुलेख की पुरानी चोटी से होते हैं कैलाश के दर्शन शीर्षक से अमर अजाला में खबर प्रकाशित हुई थी। इसका उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग ने संज्ञान लिया है जिसके बाद टीम को सर्वे के लिए भेजा गया।संयुक्त टीम में केएमवीएन एमडी डॉ. संदीप तिवारी, एसडीएम दिवेश शाशनी, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्य, वरिष्ठ साहसिक अधिकारी देहरादून लता बिष्ट, रमेश कपकोटी प्रबंधक साहसिक अधिकारी केएमवीएन नैनीताल, संजय मेहरा और सेना के सूबेदार राम सिंह ने लिपुलेख जाकर निरीक्षण किया।

🔹चोटी पर पहुंचने के बाद कैलाश पर्वत के हुए मनमोहक दर्शन

जिला पर्यटन अधिकारी आर्य, लता बिष्ट, सेना के सूबेदार राम सिंह ने नाभीढांग से नौ किमी की वाहन से यात्रा करने के बाद 1.8 किमी की कठिन खड़ी चढ़ाई पार कर पुरानी लिपुलेख की चोटी (18 हजार फीट) पर पहुंचे। आर्य ने बताया कि चोटी पर पहुंचने के बाद कैलाश पर्वत के मनमोहक दर्शन हुए। उन्होंने चोटी पर बहुत तेज हवाएं चलने की बात भी बताई। उन्होंने बताया कि पैदल मार्ग ठीक करने बाद यात्रियों को यात्रा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। 

सचिव पर्यटन के निर्देश पर संयुक्त टीम ने लिपुलेख, ओम पर्वत और आदि कैलाश तक का निरीक्षण किया। शीघ्र ही संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजी जाएगी। – दिवेश शाशनी, एसडीएम, धारचूला।

🔹रं कल्याण संस्था ने की सराहना

स्थानीय रं कल्याण संस्था के अध्यक्ष दीपक रोंकली, पूर्व अध्यक्ष कृष्णा गर्ब्याल ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि ज्योलिकांग से 20 से 25 किमी पैदल यात्रा कर लिंपियाधुरा की चोटी से भी बड़ा कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं। उनका कहना है कि सरकार को पुरानी लिपुलेख चोटी और लिंपियाधुरा दोनों मार्ग विकसित कर यात्रा शुरू करनी चाहिए। इससे शिव भक्तों को भारतीय सीमा से ही बड़े कैलाश पर्वत के दर्शन हो जाया करेंगे। साथ ही व्यास घाटी में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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