राजद्रोह में नहीं दर्ज होगा नया केस–सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि राजद्रोह में नहीं दर्ज होगा नया केस, जेल में बंद लोग मांग सकेंगे बेल.. आपकों बता दें कि सुनवाई के दौरान केंद्र ने यह भी कहा कि हम मामलों की गंभीरता से अवगत नहीं हैं.
इनके आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे पहलू हो सकते हैं. प्रावधान की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब जुलाई में सुनवाई होगी
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर अंतरिम रोक लगा दी है.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी को राजद्रोह संबंधी मामले दर्ज करने की जिम्मेदारी और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई तेज़ी से की जा सकती है
अपने ऐतिहासिक फैसले में कोर्ट ने सभी लंबित देशद्रोह के मामलों पर रोक लगाने का आदेश दिया और पुलिस और प्रशासन को सलाह दी कि जब तक केंद्र अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेता तब तक कानून के इस सेक्शन का उपयोग न करें
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, अगर कोई नया मामला दर्ज होता है तो संबंधित पक्ष कोर्ट का रुख कर सकते हैं और कोर्ट ही इस मामले का निपटारा करेगी
चीफ जस्टिस ने कहा, केंद्र सरकार कानून के दुरुपयोग रोकने के लिए राज्यों को निर्देश देने के लिए स्वतंत्र है..
सीजेआई ने कहा, यह सही होगा कि रिव्यू होने तक कानून के इस प्रावधान का इस्तेमाल न करें. हमें उम्मीद है कि केंद्र और राज्य 124 ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करेंगे या रिव्यू खत्म होने के बाद कार्रवाई शुरू करेंगे.
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अपना बड़ा फैसला सुनाया है जों ऐतिहासिक फैसला मना जा रहा है.