नेशनल अवॉर्ड विनर एक्ट्रेस उत्तरा बाओकर का निधन ,79 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता उत्तरा बाओकर अब इस दुनिया में नहीं रहीं।एक्ट्रेस का बीते दिन निधन हो गया।
फिल्मी पर्दे से लेकर छोटे पर्दे तक अपनी अदाकारी की छाप छोड़ने वाली दिग्गज अदाकारा उत्तरा बाओकर का निधन हो गया है।एक्ट्रेस ने बीते दिन 12 अप्रैल को 79 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।उत्तरा बाओकर ने हिंदी फिल्मों में अपनी शुरुआत करने से पहले कई टीवी सीरियल में काम किया. माना जा रहा है कि एक्ट्रेस लंबे वक्त से बीमार चल रही थीं।
एक साल से बीमार थी अभिनेत्री
उत्तरा बाओकर के निधन के बाद उनके चाहनेवालों का दिल टूट गया है।लंबे वक्त तक वह पर्दे पर एक्टिव रहीं।उन्होंने कई बड़े दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है। एक साल तक अपनी बीमारी से जंग लड़ने के बाद उन्होंने जिंदगी का साथ छोड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार उत्तरा बाओकर के परिवार ने उनका बीते दिन ही अंतिम संस्कार भी कर दिया।जहां उनके परिवार और करीबी लोग ही मौजूद थे।
बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार
उत्तरा बाओकर ने पुणे के एक अस्पताल में दुनिया को अलविदा कह दिया। 1989 में रिलीज़ हुई मृणाल सेन की फिल्म ‘एक दिन अचानक’ के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।उत्तरा बाओकर ने श्याम बेनेगल की ट्रेवल बेस्ड टीवी सीरीज से अपने छोटे पर्दे के सफर को शुरू किया था।उस समय उनका ये शो दूरदर्शन पर आया करता था।उत्तरा बाओकर के अलावा इसमें ओम पुरी, रघुबीर यादव, इला अरुण, नीना गुप्ता, मोहन गोखले और हिमानी शिवपुरी जैसे दिग्गज सितारों ने भी अभिनय किया था।
इन फिल्मों और धरवाहिको में किया था कार्य
उत्तरा बाओकर ने हवेली, दोघी, सरदारी बेगम, ठक्षक, वास्तुपुरुष, उत्तरायण, शेवरी, बाड़ा, दोर, आजा नचले, संहिता, एकीस टॉपोन की सलामी, आइलैंड सिटी जैसी कई फिल्मों में काम किया है. इसके अलावा भी वह कई और फिल्मों में एक्टिंग कर चुकी हैं. वहीं उन्होंने सोनी के टीवी सीरियल जस्सी जैसी कोई नहीं में मोना सिंह की दादी का भी किरदार निभाया था. इसके अलावा उनके बाकि सीरियल्स की बात की जाए तो इसमें उड़ान, अंतराल, रिश्ते कोरा कागज़, नज़राना, कश्मकश ज़िंदगी की, और जब लव हुआ जैसे नाम शामिल हैं।