Big Brenking जी–20 शिखर सम्मेलन में भारतीय कूटनीति का बोलबाला

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ड़ोनेशिया के बाली में जी–20 शिखर वार्ता के समापन पर भारत को प्रभावशाली समूह की अध्यक्षता सौंप दी गई। यह भारत के लिए गर्व की बात है। नई दिल्ली एक दिसम्बर से समूह की अध्यक्षता संभालेगा। भारत की अध्यक्षता की थीम ‘एक पृथ्वी‚ एक परिवार‚ एक भविष्य’ में सारी प्राथमिकताएं शामिल हैं।

 

 

 

 

 

 

हालांकि भारत में ऐसे समय में यह महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व संभालने जा रहा है जब विश्व अनेक उथल–पुथल के दौर से गुजर रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वैश्विक राजनीति की सफल और भारतीय कूटनीति की सफलता है कि जब पूरा विश्व भू–राजनीतिक तनावों और आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है तब विश्व नेता भारत की ओर देख रहे हैं। .

 

 

 

प्रधानमंत्री मोदी ने भी भारत की ओर गुरुतर उत्तरदायित्व संभालते हुए दुनिया को आश्वासन किया कि भारत की जी–20 अध्यक्षता समावेशी‚ महतवाकांझी‚ निर्णायक तथा क्रियान्वयन करने वाली होगी।

 

 

 

 

इंड़ोनेशिया में संपन्न हुए जी–20 शिखर सम्मेलन में भारतीय कूटनीति और प्रधानमंत्री मोदी की गतिशील नेतृत्व की छाप पूरी तरह दिखाई दी।

 

 

 

 

 

जी–20 समूह सुरक्षा के मुद्दों का हल करने का मंच कभी नहीं रहा है‚ लेकिन वास्तव में यह भारत की कूटनीतिक सफलता ही कही जाएगी कि उसके प्रयासों से ही समूह का साझा घोषणापत्र जारी किया गया। लोगों को याद होगा कि पिछले सितम्बर में प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान साफगोई से कहा था कि ‘यह युद्ध का समय नहीं है।’

 

 

 

 

 

आज पूरा विश्व इस वाक्य की परिक्रमा कर रहा है। बहरहाल‚ पश्चिमी देशों के रवैये का खमियाजा यूक्रेन भुगत रहा है। उसके सैनिक मारे जा रहे हैं। जी–20 समूह की अध्यक्षता संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका और पश्चिमी देशों को यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के पक्ष में किस हद तक राजी कर पाते हैं‚ यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।

 

 

 

 

 

फिलहाल‚ शीतकालीन मौसम की शुरुआत के कारण यूक्रेन में युद्ध के मोर्चे पर गतिरोध की स्थिति बन रही। यूक्रेन के नेतृत्व को यह समझ लेना चाहिए कि वह रूस के विरुद्ध कोई युद्ध जीत हासिल कर सकेगा‚ इसकी संभावना कम है। भारत‚ अमेरिका‚ चीन और यूरोपीय संघ मध्यस्थता की पहल कर सकते हैं।

 

 

 

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