Health Tips:गर्मियों के मौसम में लीची खाने के मिलते हैं ये फायदे,साथ ही जाने लीची की 5 वैरायटी

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हर मौसम में उसके हिसाब से फल आ जाते हैं। सीजनल फलों के सेवन से कई तरह के फायदे मिलते हैं। साथ ही इनका स्वाद भी बहुत ज्यादा शानदार होता है। अगर हम मौसम के हिसाब से फलों का सेवन करते हैं, तो ये हमें कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं।

गर्मी के मौसम एक शानदार फल है लीची। लीची का स्वाद जितना लजीज होता है, ये उतना ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसलिए आज हम आपको लीची के फायदे बताने जा रहे हैं। चलिए जान लेते हैं कि लीची खाने से क्या लाभ हो सकते हैं। 

 

गर्मियों के मौसम में लीची खाने के मिलते हैं ये फायदे

1. ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है 

अगर आप लीची का सेवन करते हैं तो ये आपके ब्लड सर्कुलेशन को सुधा सकता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी, मैंगनीज, कॉपर, जिंक जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए आप इसका सेवन कर सकते हैं। 

 

2. वजन को कम करने में भी मददगार 

ये तो सभी जानते हैं कि लीची एक फाइबर युक्त फल है। अगर आप इसका सेवन करते हैं तो ये आपके पेट को ज्यादा देर तक भरा हुआ रखता है। इससे वजन को कम करने में बहुत मदद मिलती है। इसलिए आप इसका सेवन कर सकते हैं।

3.ब्लड प्रेशर को करता है कंट्रोल 

लीची एक ऐसा फल जिसमें पोटैशियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती हैं। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है वो लीची का सेवन कर सकते हैं। 

4. पाचन तंत्र को ठीक रखता है 

बेहतर पाचन के लिए लीची एक शानदार ऑप्शन है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। इसके सेवन से उल्टी, मतली जैसी परेशानियों से राहत मिल सकती है। 

5. डिहाइड्रेशन को दूर करता है 

गर्मी के मौसम में ज्यादा मात्रा में पानी की जरूरत होती है। इसके लिए लीची एक बेहतर ऑप्शन है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। 

 

लीची से वैरायटी से जुड़ी कुछ खास बातें हम आपको बताने वाले है। 

•कलकतिया लीची 

कलकतिया लीची, जो भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाती है, खासकर पश्चिम बंगाल राज्य में उगाई जाती है। यह लीची विशेष रूप से कोलकाता (कोलकाता) के पास के जिले में बगानों में पायी जाती है। कलकतिया लीची को इंडियन लीची या बंगली लीची भी कहा जाता है। 

•देहरादून किस्म लीची 

देहरादून किस्म लीची उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में विशेष रूप से उगाई जाती है। इसलिए इसे “देहरादून लीची” भी कहा जाता है। इसकी गोलाई लंबाई लगभग 2.5 से 3 सेमी तक होती है और इसकी रंगत सफेद होती है। लीची की देहरादून किस्म लीची बहुत पौष्टिक होती है। 

•लीची की अर्ली लार्ज रेड किस्म 

इस लीची की खेती जून के महीने में होती है। जब यह लीची पक जाती है तो दिखने में यह बाकी के लीची से काफी अलग होती है। यह देखने में बीज आकार के होते है। ऐसे में इसका स्वाद भी नार्मल लीची से काफी अलग होता है। 

•रोज सेंटेड किस्म लीची 

इस लीची की किस्म के फल भी जून के दूसरे सप्ताह में पकते हैं। इस लीची का छिलका पतला और गहरे लाल रंग का होता है। इसकी बीच बहुत छोटा होती है और फसल अच्छी होती है। 

•लेट बेदाना 

लेट बेदाना लीची का अंडाकार आकार होता है। गुलाब की सुगंध वाली इस लीची की मांग काफी अधिक होती है। लीची की यह किस्म बिहार के समस्तीपुर जिले में उगाई जाती है। इसका काफी मीठा होता है।

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