भारत में एक करोड़ से अधिक लोग आ सकते है डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की चपेट में

ख़बर शेयर करें -

एक शोध में यह खुलासा हुआ है की भारत में एक करोड़ से भी ज़्यादा लोग डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की चपेट में आ सकते हैं। इन लोगो की उम्र लगभग 60 साल या इससे ज्यादा बतायी जा रही है।

 

भारत में पहली बार ऐसे शोध को करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने, डिमेंशिया और मनोभ्रंश उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बिमारी है। डिमेंशिया और मनोभ्रंश एक ऐसी बिमारी है, जिसके अंदर बीमार इंसान मानसिक रूप से बहुत ही ज़्यादा कमजोर हो जाता है।

 

यह बिमारी भारत में 60 साल या इससे ज़्यादा उम्र के बुजुर्गों में डिमेंशिया (जड़बुद्धिता) की समस्या की दर 8.44 प्रतिशत हो सकती है, जो देश में 10.08 मिलियन बुजुर्गों के बराबर है। यह दर अमेरिका में 8.8 प्रतिशत, ब्रिटेन में नौ प्रतिशत और जर्मनी और फ्रांस में 8.5 और 9 प्रतिशत के बीच है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *