उत्तराखंड में वाई-प्लस सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब

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हाईकोर्ट नैनीताल ने खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा को वाई-प्लस सुरक्षा देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की।

 

 

 

 

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि कितने लोगों को इस तरह की सुरक्षा तय प्रक्रिया अपनाने के बाद दी गई है।सुरक्षा पाने वाले कितने लोगों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं,

 

 

 

 

 

उनका पूरा रिकॉर्ड जुलाई के दूसरे सप्ताह तक कोर्ट में प्रस्तुत करें।
हरिद्वार निवासी भगत सिंह ने दायर याचिका में कहा कि विधायकों की सुरक्षा के नाम पर उन्हें एक सुरक्षाकर्मी दिया जाता है। यदि किसी विधायक को खतरा है।

 

 

 

 

तो उन्हें एक अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी मिलता है। अतिरिक्त सुरक्षा कवर देने से पहले एलआईयू की ओर से रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजी जाती है, लेकिन विधायक उमेश के मामले में इस तय प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है।

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