यहाँ राज्य अतिथि गृह में ही हो गयी ठगी पुलिस जुटी जांच में
धर्मनगरी हरिद्वार में फर्जीवाड़े का एक अनोखा ही मामला सामने आया है जब जिसमें राज्य अतिथि गृह डाम कोठी में कमरे उपलब्ध कराने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है मामला प्रकाश में आते ही डाम कोठी प्रबंधक द्वारा इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन को की गई सूचना मिलते ही पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है क्योंकि मामला काफी संवेदनशील है
क्योंकि डाम कोठी में केंद्रीय मंत्री देश के दूसरे राज्य के मंत्री और कोर्ट अधिकारी और वीआईपी लोग आकर ठहरते हैं डाम कोठी के प्रबंधक गिरधर प्रसाद बहुगुणा का कहना है डाम कोठी के नाम पर किसी व्यक्ति द्वारा फर्जी आईडी बनाकर लोगों को ठगने का कार्य किया जा रहा है ऐसे कुछ प्रकरण मेरे सामने आए हैं
वेबसाइट पर मोबाइल नंबर भी डाले गए हैं इसकी शिकायत हमारे द्वारा पुलिस से की गई है डाम कोठी का शासन स्तर पर ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है कि ऑनलाइन बुकिंग की जा सके यह राज्य अतिथि गृह है और यहां पर सिर्फ राज्य और दूसरे राज्य से आने वाले वीआईपी लोगों को ही ठहराया जाता है
डाम कोठी का संचालन राज्य संपत्ति अधिकारी और जिलाधिकारी द्वारा ही किया जाता है उसके बाद ही यहां पर बुकिंग की जा सकती है डाम कोठी पर केंद्रीय मंत्री उच्च न्यायालय के जज के साथ वीआईपी लोग ही आकर ठहरते हैं इस तरह से ठगी करने वालों पर पुलिस को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए
ऑनलाइन ठगी करने का संवेदनशील मामला सामने आते ही हरिद्वार पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मच गया अब पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है हरिद्वार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि एक मामला संज्ञान में आया है जिसमें फर्जी वेबसाइट बनाकर डाम कोठी के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है
डाम कोठी राज्य अतिथि गृह हैं यहां पर इस तरह से बुकिंग नहीं की जा सकती इस मामले की हमारे द्वारा जांच की जा रही है और एक गैंग भी सामने नजर आ रहा है पुलिस जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई करेगी
राज्य अतिथि गृह के फर्जीवाड़े का मामला सामने आते ही हरिद्वार पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है पुलिस अब इस मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कर रही है मगर बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि ठगो द्वारा जिस तरह से ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है उसने पुलिस प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं
कि आखिरकार राज्य अतिथि गृह में जहां पर आम लोगों का जाना भी प्रतिबंधित है वहां पर इस तरह से लोगों को ठहराने की व्यवस्था के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है अब देखना होगा पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई करती है और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजती है