महिलाओं के लिए हर जनपद एवं हर राज्य में महिलाओं से संबंधित योजनाओं को कराया जाएगा एक हब के रूप में उपलब्ध-रेखा आर्या

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भारत सरकार की कुपोषण के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम में विभाग लगातार कर रहा काम-रेखा आर्या

*बाल विकास मंत्रालय की ओर से किया गया सयुंक्त जोनल सेमिनार का आयोजन*

*आँगनवाड़ी केंद्रों के कारण कुपोषण के स्तर को बहुत हद तक किया जा सका है  नियंत्रित-रेखा आर्या*

*मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना के अंतर्गत हफ्ते में चार दिन दिया जाता है 2 लाख 37 हज़ार बच्चों को 100 एमएल दूध- रेखा आर्या*

*हरिद्वार*: आज हरिद्वार स्थित एक निजी होटल में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उत्तर भारत राज्यों के आकांक्षी जनपदों का संयुक्त जोनल सेमिनार तथा योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में मंजुपारा महेन्द्रभाई जी राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ,उत्तराखंड सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी , हरिद्वार सांसद श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी, तथा उत्तराखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री श्री डॉ0 धन सिंह रावत जी ने शिरकत की।

साथ ही इस सेमिनार में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब एवं जम्मू और कश्मीर के जन प्रतिनिधियों तथा जिलाधिकारियों तथा विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। सेमिनार का उद्देश्य उत्तर भारतीय राज्यों के आकांक्षी जनपदों में  महिला एवं बाल विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा, बेस्ट प्रैक्टिसेज  की साझेदारी करना था। कार्यक्रम का सुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ शुरू हुआ।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन एवं नई योजनाओं के द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण तथा महिला सशक्तीकरण की दिशा में नित नए आयाम प्राप्त किये जा रहे हैं। पोषण अभियान को राज्य में प्रभावी बनाते हुए मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना के अंतर्गत 2 लाख 37 हज़ार बच्चों को 100 एमएल दूध  हफ्ते में चार दिन दिया जाता है तथा मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना के अंतर्गत सप्ताह में दो दिन अंडा और दो दिन केला दिया जा रहा है तथा इस प्रकार भारत सरकार की पोषण अभियान के ताल से ताल मिलाकर कुपोषण के विरुद्ध प्रतिबद्ध हैं। इसी के साथ बच्चे के स्वास्थ्य के साथ ही माँ के स्वास्थ्य को भी प्रमुखता दी गयी है इसीलिए मुख्यमंत्री द्वारा प्रधान मंत्री मातृवन्दना योजना के सम्पूरक के रूप में महिला पोषण योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत महिलाओं को भी सप्ताह में दो दिन अंडा और दो दिन केला प्रदान किया जा रहा है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और पोषण अभियान दोनों के उद्देश्यों को साधते हुए  मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महालक्ष्मी योजना भी चलाई जा रही है जिसमें प्रसवोपरांत अतिरिक्त देखभाल हेतु आवश्यक सामग्रियों से युक्त किट का वितरण बालिका जन्म पर किया जाता है।

माननीया मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने  कहा कि वात्सल्य योजना के अंतर्गत कोविड से प्रभावित 4100 से अधिक बच्चों को प्रतिमाह 3000 की सहायता राशि दी जा रही है। तथा उनकी आवश्यकतानुसार उनको विभिन्न विभागीय  सेवाओं से आच्छादित किया जा रहा है तथा जनपद में जिलाधिकारियों को इस हेतु नोडल बनाया गया है।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त पहल से नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बाल वाटिका को संचालित करने वाला उत्तराखंड देश में पहला राज्य हो सकता है।

सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि समाज के अंतिम तबके के प्रत्येक व्यक्ति को सबल बनाने हेतु चिकित्सा, शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास पर सबसे अधिक ध्यान भारत सरकार एवम राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है ।

राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास भारत सरकार  मंजुपारा महेन्द्रभाई ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के पोषण तथा महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण हेतु नीतिगत हस्तक्षेप भारत सरकार के स्तर पर किये गए हैं।

वहीं इस अवसर पर वात्सल्य योजना के अंतर्गत 4000 प्रभावित बच्चों को प्रति बच्चा 3000 रुपये प्रतिमाह की दर से कुल रुपये 2 करोड़ 40 लाख , माह अप्रैल एवं मई की किश्त के रूप में इंडसइंड बैंक के सहयोग से एक क्लिक पर उनके खातों में डी0बी0टी0 द्वारा प्रेषित की गई तथा योजना की एक वीडियो फ़िल्म के माध्यम से अन्य राज्यों से आये प्रतिभागियों को योजना की जानकारी दी गयी। साथ ही उपस्थित लाभार्थियों को महालक्ष्मी किट का वितरण किया गया ।

इस अवसर पर अध्यक्ष एवं सदस्य बाल संरक्षण आयोग उत्तराखंड, सचिव महिला एवं बाल विकास श्री हरि चंद्र सेमवाल जी, उत्तरप्रदेश से जिलाधिकारी सोनभद्र एवं बलरामपुर, जिलाधिकारी हरिद्वार, जिलाधिकारी उधमसिंह नगर तथा राज्यों के प्रशासनिक एवं विभिन्न विभागीय अधिकारियों  के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड से उपनिदेशक  श्री एस0के0 सिंह , राज्य परियोजना अधिकारी  श्री अखिलेश मिश्रा, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी श्री मोहित चौधरी के अतिरिक्त अकादमिक तथा सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

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