बागेश्वर गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ जिलाधिकारी की बैठक
बागेश्वर गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से जिलाधिकारी रीना जोशी की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में जिला पर्यावरण योजना की कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में जल संरक्षण, संवर्द्धन के साथ ही नगर निकायों द्वारा घर-घर से एकत्र करना व सेग्रीगेशन का कार्य किया जा रहा है, साथ ही ट्रेंचिंग ग्राउंड का प्रस्ताव भी शासन को प्रेषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जनपद में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने हेतु सभी स्टेक होल्डरों से वार्ता कर प्रतिबंध में बहुत हद तक सफलता मिली है। प्रशासन एवं नगर निकायों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंधित लगाने हेतु छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य वेस्ट हेतु डम्पिंग जोन निर्धारित किया जायेगा। चिकित्सालयों द्वारा बायो मैडिकल वेस्ट डीप डिस्पोज किया जा रहा हैं।
उन्होंने बायो मैडिकल वेस्ट का डाटा तैयार कर हिमालयी पर्यावरण संस्थान को देने के निर्देश अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को दियें। उन्होंने कहा कि भविष्य में इलैक्ट्रानिक वेस्ट को मैनेज करना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया बागेश्वर व गरूड का सीवरेज प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, तथा नदी-नालों को पुनर्जीवितिकरण कार्य किया गया जायेगा व वृहद पौधारोपण खनन व अन्य क्षेत्रों में किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि जल संवर्द्धन एवं संरक्षण हेतु जनपद में 83 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही वन, कृषि, मनरेगा, उद्यान आदि विभागों द्वारा चाल-खाल भी बनायें जा रहे है।
गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमलयी पर्यावरण संस्थान के पर्यावरणविद् डॉ0 जगदीश चन्द्र कुनियाल ने कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से बताया कि जनपद में 9.5 मीट्रिक टन सोलेट वेस्ट प्रतिदिन निकलता है जिसमें 5.5 मीट्रिक टन सूखा व 4.0 मीट्रिक टन गीला कूडा निकलता है। जबकि नगर निकाय बागेश्वर में 90 प्रतिशत कूडे का सेग्रीगेशन किया जा रहा है, व घर-घर से कूडा एकत्र भी किया जा रहा हैं।
उन्होंने बताया कि जनपद में 370 परिवार कूडे को होम कम्पोस्टिंग कर रहें है जिसमें बागेश्वर निकाय के 300 व कपकोट के 70 परिवार शामिल है। जनपद में 03 मीट्रिक टन प्लास्टिक प्रतिदिन जैनरेट हो रहा है, जिसे सेग्रीगेट कर कॉम्पेक्टर के द्वारा कॉम्पेक्ट किया जा रहा है।
उन्होंने भविष्य में इलैक्ट्रॉनिक वेस्ट मैनेजमैंट के साथ ही जनपद में सीवरेज व्यवस्था व वनाग्नि, वाहन व अन्य प्रदूषण नियंत्रण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण के डाटा को पब्लिक डोमेन में भी डाला जायेगा, ताकि जन जागरूकता हो सकें। उन्होंने र्इ-वाहन प्रोत्साहन पर भी बल दिया।
कार्यशाला में प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत बागेश्वर राजेश कुमार, अल्मोंड़ा राजेन्द्र सिंह, अधि0अभि0 लेानिवि राजकुमार, संजय कुमार पांडे, जल संस्थान सीएस देवडी, परियोजना अधिकारी उरेडा मयंक नौटियाल, अधि0अधि0 नगर पालिका सतीश कुमार, गरूड़ भूपेन्द्र प्रकाश जोशी, उप निदेशक खनन लेख राज, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल आदि मौजूद थे।
रिपोर्ट हिमांशु गढ़िया