Uttarakhand News:मुख्यमंत्री धामी ने खटीमा गोलीकांड के शहीदों को दी श्रद्धांजलि,कहा – आंदोलनकारियों का बलिदान हमेशा रहेगा याद

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा गोलीकांड की 29वीं बरसी पर कहा कि, ‘हम खटीमा गोलीकांड को नहीं भूल सकते।7 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने हमारे राज्य के निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी…’ खटीमा सीएम धामी का पैतृक आवास भी है।धामी यहां से विधायक भी रह चुके हैं।
🔹सीएम धामी ने खटीमा के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
इसके साथ ही सीएम धामी ने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट किया है- खटीमा गोलीकांड की 29वीं बरसी पर पृथक राज्य निर्माण हेतु अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले शहीद राज्य आंदोलनकारियों को शत्-शत् नमन। राज्य निर्माण हेतु आपके द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान अविस्मरणीय है। सीएम धामी ने कहा कि आज कि दिन हमारे लिए कोई खुशी का दिन नहीं है।ये दिन हमें स्मरण कराता है कि किस तरह हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने अपना बलिदान देकर राज्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
🔹क्या है खटीमा गोलीकांड?
1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन अपने चरम पर था. तत्कालीन यूपी के इस पूरे हिस्से में उत्तराखंड आंदोलन का जोर था. लोग आज दो अभी तो उत्तराखंड राज्य दो के नारे लगा रहे थे. इसी दौरान खटीमा में अनहोनी हो गई.राज्य निर्माण की मांग को लेकर 1 सितंबर 1994 को खटीमा की सड़कों पर हजारों आंदोलनकारियों का हुजूम उमड़ा हुआ था. मुलायम सिंह यादव तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. मुलायम उत्तराखंड राज्य आंदोलन पर कठोर थे. खटीमा में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी गई. अनेक लोगों को पुलिस की गोली लग गई. गोली लगने से सात लोग तो शहीद हो गए।बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
🔹खटीमा गोलीकांड से उपजा आक्रोश
खटीमा गोलीकांड और 7 लोगों की शहादत ने पूरे पहाड़ और इसके मैदानी इलाकों को सुलगा दिया। अब युवाओं के साथ बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे तक उत्तराखंड आंदोलन के समर्थन में सड़कों पर उतर गए।खटीमा के शहीदों को हर साल 1 सितंबर को याद किया जाता है। राज्य के लोगों के साथ मुख्यमंत्री भी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें