Chardham yatra 2023:बिगड़ता मौसम फिर बढ़ा सकता है श्रद्धालुओं की मुश्किलें, निपटने के लिए डीजीपी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

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देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है, राज्य में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ श्रद्धालुओ का पहुंचना भी शुरू हो गया है।उधर आगामी वेदर फोरकास्ट को देखते हुए एक तरफ आपदा विभाग नजर बनाए हुए हैं तो दूसरी तरफ पुलिस महकमा भी इससे जुड़ी तैयारियों पर जुटा हुआ है।पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इसके लिए गढ़वाल क्षेत्र के अधिकारियों की बैठक लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।

सरकार की तरफ से सीमित संख्या की बाध्यता को भी किया खत्म

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है।राज्य सरकार की तरफ से सीमित संख्या की बाध्यता को भी खत्म कर दिया गया है।लिहाजा अब आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और भी ज्यादा होने की उम्मीद है। उधर दूसरी तरफ मौसम विभाग भी आने वाले दिनों में बदलते मौसम की भविष्यवाणी की जानकारी दे रहा है।

बैठक में केदारनाथ धाम को लेकर मौसम विभाग की करी भविष्यवाणी

ऐसे में तमाम तैयारियों और आगामी भविष्यवाणी को लेकर जरूरी कदम उठाए जाने पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने गढ़वाल क्षेत्र के पुलिस के अधिकारियों की बैठक ली।इस दौरान कई महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी जारी किए गए।पुलिस महानिदेशक की तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई बैठक में केदारनाथ धाम को लेकर मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर निर्देश देते हुए रुद्रप्रयाग एसपी को जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने के लिए कहा गया।

जरूरी संसाधनों को भी तैयार रखने के निर्देश दिए

बता दें कि मौसम विभाग ने आने वाले 5 से 6 दिनों तक बर्फबारी की संभावना व्यक्त की है।यही नहीं इसके लिए प्रचार प्रसार करते हुए यात्रियों को भी मौसम के बेहतर होने के बाद ही यात्रा में आने को लेकर जानकारी देने के लिए कहा गया है।उधर उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग के लिए अवलॉन्च के खतरे से संबंधित भविष्यवाणी को लेकर भी जरूरी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।पुलिस विभाग के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के साथ भी संबंध में स्थापित करने के लिए कहा गया है।साथ ही जरूरी संसाधनों को भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।

यात्रा रूटों पर भी विशेष रूप से ध्यान देने के लिए कहा

कर्मचारियों की आपदा से संबंधित स्थानों के आसपास नियुक्ति के निर्देश भी मिले हैं।यात्रा रूटों पर भी विशेष रूप से ध्यान देने के लिए कहा गया है साथ ही ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं के आने पर बेहतर मैनेजमेंट किए जाने के लिए भी निर्देश मिले हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि पंजीकरण को लेकर श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से परेशान न किया जाए और इसके लिए अधिकारियों के साथ समन्वय रखा जाए।

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