अल्मोड़ा दुग्ध संघ प्रबंध समिति के अध्यक्ष अब अयोग्य घोषित

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दुग्ध संघ अल्मोड़ा की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को चार्ज संभालने के महज 9 दिन बाद ही इस पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। निदेशक स्तर पर इसके आदेश जारी हुए हैं।

 

 

 

 

 

अब उनकी जगह उपाध्यक्ष प्रबंध समिति की कमान संभालेंगे।अल्मोड़ा दुग्ध संघ की प्रबंध समिति पर वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर निदेशालय से मामले की जांच के आदेश जारी किए। जांच में शिकायत सही मिलने पर इसे भंग करने का आदेश जारी हुआ था। इसके बाद प्रबंध समिति के सदस्यों और अध्यक्ष ने न्यायालय की शरण ली। दो सप्ताह पूर्व न्यायालय ने प्रबंध समिति को भंग किए जाने के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर दुग्ध विकास विभाग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा था।

 

 

 

 

 

 

लेकिन इससे पहले ही निदेशक ने कार्रवाई करते हुए अध्यक्ष को प्रबंध समिति की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। न्यायालय ने प्रबंध समिति के पक्ष में फैसला देने के बाद बीते 10 मई को ही अध्यक्ष ने कार्यभार ग्रहण किया था। महज 9 दिन बाद ही फिर से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, जो चर्चाओं का विषय बना है। निदेशालय के मुताबिक न्यायालय ने प्रबंध समिति के पक्ष में फैसला दिया है।

 

 

 

 

 

 

लेकिन अध्यक्ष पर वित्तीय अनियिमिताओं के लगे आरोप व्यक्तिगत तौर पर सही मिलने पर निदेशालय ने उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 सहपठित नियमावली 2004 के नियम संख्या 477 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुएउनके खिलाफ कार्रवाई की है।

 

 

 

 

 

सामान्य निकाय की बैठक में हुआ था मतदान
अल्मोड़ा। न्यायालय के निर्देश पर बीते 17 अप्रैल को जिला दुग्ध संघ की सामान्य निकाय की बैठक हुई। जिसमें प्रबंध समिति को भंग करने या इसकी बहाली के पक्ष में मतदान हुआ था। 128 सदस्यों में से 113 ने मतदान में हिस्सा लिया। 56 सदस्यों ने प्रबंध समिति को भंग करने तो 57 सदस्यों ने इसकी बहाली के पक्ष में मतदान किया था। इस रिपोर्ट को तत्कालीन प्रशासक मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह ने न्यायालय में पेश किया। इसी आधार पर न्यायालय ने प्रबंध समिति को भंग करने पर रोक लगाई थी और निदेशालय से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। हल्द्वानी दुग्ध विकास विभाग के निदेशक संजय खेतवाल का कहना है कि न्यायालय ने जवाब मांगा है ना कि विभागीय कार्रवाई पर रोक लगाई है। विभाग ने जांच के तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की है। संबंधित इस कार्रवाई के खिलाफ न्यायालय में जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

 

 

 

 

अल्मोड़ा दुग्ध संघ प्रबंध समिति के अध्यक्ष के महेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि न्यायालय में मामला चल रहा है। फिर भी यह कार्रवाई हुई है। पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है।

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