Breking–एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट, केदारनाथ में नही हो सकता कंस्ट्रक्शन

0
ख़बर शेयर करें -

 

केदारघाटी में आ रहे एवलांच पर एक्सपोर्ट कमेटी का बड़ा खुलासा, भविष्य में इस क्षेत्र में ना हो कोई निर्माण कार्य।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड के उच्च हिमालई क्षेत्रों पर आ रहे एवलांच एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। हालांकि, सितंबर और अक्टूबर महीने में केदारघाटी में तीन हिमस्खलन की घटना देखी गई।

 

 

 

 

 

 

कुछ दिनों के भीतर केदारघाटी में आए तीन हिमस्खलन की घटना के बाद राज्य सरकार जागी और धरातलीय निरीक्षण एव अध्यनन के लिए टीम गठित की। हालाकि, हिमस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण और अध्ययन करने के बाद वापिस देहरादून लौटी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौप दी है।

 

 

 

 

 

 

शासन को सौंपे गए रिपोर्ट में कमेटी ने किया बड़े खुलासे करने के साथ ही सरकार को भविष्य में केदारधाम में कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने के सुझाव दिए हैं। दरअसल, सितंबर और अक्टूबर महीने में केदारघाटी के ऊपरी क्षेत्र में चोराबाड़ी ग्लेशियर के समीप तीन एवलांच देखने को मिले।

 

 

 

 

एवलांच की तस्वीरों से लोगों में डर भी देखने को मिला। केदारनाथ की 2013 की तस्वीरें कोई भी नहीं भूला है ऐसे में सभी को यह लगा कि क्या कोई बड़ा खतरा सामने आ रहा है। हालांकि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने एक्सपर्ट की एक कमेटी अध्ययन के लिए केदारनाथ में भेजी थी।

 

 

 

 

 

हिमालय पर लगातार बड़ी संख्या में आ रहे एवलांच को लेकर शोधकर्ताओं का कहना है कि यह हिमालय पर हो रही गतिविधियों का एक सामान्य हिस्सा है। वैज्ञानिकों ने इसकी वजह इस बार सामान्य से ज्यादा हुई बरसात बताई जा रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि इस बार उत्तराखंड में मानसून सीजन में सामान्य से 22 फ़ीसदी ज्यादा बरसात रिकॉर्ड की गयी है। जिसकी वजह से निचले इलाकों में बरसात होने पर उच्च हिमालई क्षेत्र में बर्फबारी उतनी ही मात्रा में ज्यादा होती है। जिसके बाद हिमालय के ग्लेशियरों पर ताजी बर्फ की मात्रा बेहद ज्यादा बढ़ जाती है। ग्लेशियर पर बर्फ की कैरिंग कैपेसिटी से ज्यादा होने पर यह बर्फ नीचे गिरने लगती है जोकि एक बड़े एवलांच का रूप ले लेती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

शासन को सौंपी गई एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को लेकर उत्तराखंड आपदा प्राधिकरण के अपर सचिव मोहम्मद ओबेदुल्ला अंसारी का कहना है कि एवलांच से किसी भी तरह के खतरे की फिलहाल कोई बात नहीं है। एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को लेकर मोहम्मद ओबेदुल्ला अंसारी( अपर सचिव आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उत्तराखंड का कहना है कि कमेटी ने यह भी सुझाव दिए हैं

 

 

 

 

 

 

कि मंदिर के पीछे की ओर यानी उत्तर दिशा में मोरेन मौजूद हैं। इसलिए क्षेत्र में भविष्य में भी कोई बड़ा कंस्ट्रक्शन ना हो। एक्सपर्ट कमेटी ने यह भी कहा है कि केदारधाम में ज्यादा कंस्ट्रक्शन भी भविष्य में दिक्कतें पैदा कर सकता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *