बदरीनाथ हाइवे में चौड़ीकरण से दरकती चट्टानें दुर्घटना को दे रहीं बुलावा, कभी भी हो सकता है हादसा

गोपेश्वर।प्रकृति से अनियंत्रित छेड़खानी के चलते उत्तराखण्ड के खूबसूरत पहाड़ इंसानों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। विकास के लिए पहाड़ों के कटान के कारण कमजोर हो रही पहाड़ियां मौसम की जरा सी भी मार झेलने में अक्षम होती जा रही हैं। जिसके चलते उत्तराखण्ड में विकास और उसी क्रम में बढ़ता भूस्खलन दोनों को नए ढंग से सोचने की जरूरत आ पड़ी है।
जान जोखिम पर डाल कर यहां से गुजरने के लिए लोग हो रहे है मजबूर
बदरीनाथ हाइवे पर चमोली-पीपलकोटी के बीच बिरही चाड़े के पास एनएचआईडीसीएल की ओर से जा रही हिल कटिंग से पहाड़ी पर आयी दरारें खतरनाक बनी हुई हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।आये दिन हाइवे से गुजरने वाले लोग जान जोखिम पर डाल कर यहां से गुजरने के लिए हो रहे है मजबूर
बदरीनाथ हाइवे पर इन दिनों चमोली-पीपलकोटी के बीच बिरही चाड़े पर एनएचआईडीसीएल की ओर से हाइवे चौड़ीकरण के लिये हिल कटिंग की जा रही है, लेकिन यहां निर्माणदायी कंपनी की ओर से सुरक्षा को लेकर अनदेखी की जा रही है। पहाड़ी के शीर्ष भाग को मशीनों से पहाड़ी का कटान किया जा रहा है, वहीं हाइवे के ठीक ऊपर लटकती चट्टानों पर अब दरारें दिखने लगी हैं। यहां चट्टानों के ऊपर भारी मात्रा में मलबा भी मौजूद है।
संस्था को दरार वाले हिस्से को निस्तारित करने के दिए आदेश
हाइवे पर इन लटकती चट्टानों के नीचे से इन दिनों वाहनों की आवाजाही करवाई जा रही है, जिससे यहां पर दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। स्थानीय निवासी उमेश कुमार और सतेंद्र प्रसाद का कहना है कि निर्माणदायी संस्था को हाइवे के शीर्ष पर लटकती दरार युक्त चट्टानों का निस्तारण कर कार्य करना चाहिए। अन्यथा किसी भी दिन बड़ी वाहन दुर्घटना हो सकती है।
बिरही चाडे़ पर किये जा रहे हिल कटिंग कार्य से हाइवे की ऊपर लटकती चट्टानों पर पड़ी दरारों की जानकारी मिलने के बाद निर्माणदायी संस्था को दरार वाले हिस्से को निस्तारित करने के आदेश दिये गये हैं।
रिपोर्टर-रोशनी बिष्ट