Big news उत्तराखण्ड हाई कोर्ट का हड़ताली कर्मचारियों को सख़्त हिदायद काम पर लौटे नहीं तो होगी कार्यवाही

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उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने हल्द्वानी में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से फैले कूड़े के मामले में दायर जनहीत याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की हड़ताली सफाई कमर्चारियों से तुरंत कार्य पर लौटने को कहा साथ मे यह भी कहा कि अगर नही लौटते है

 

 

 

 

 

 

तो कोर्ट उनके खिलाफ शक्त कार्यवाही करेगी। सरकार चाहे तो इनकी मांगो पर विचार कर सकती है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ” अपनी मांगों को लेकर शहर को बंधक नही बनाया जा सकता”। कोर्ट ने यह भी कहा है कि ये नगर निगम व बैणी सेना की हर सम्भव मदद करेंगे इसका उलंघन करने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। आज दो बजे मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सफाई कर्मचारियों से पूछा कि दस मिनट में कोर्ट को यह बताएं कि हड़ताल समाप्त कर रहे है या नही ।

 

 

 

 

 

 

 

उसके बाद इनकी तरफ से कहा गया कि वे हड़ताल समाप्त कर रहे है और बैणी सेना व नगर निगम की हर सम्भव सहायता करेंगे। इसके आधार पर कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि तुरंत कार्य पर लौटे।मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पिछले 4 दिनों से हल्द्वानी शहर में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिसके चलते शहर भर में कूड़ा फैल हुआ है।

 

 

 

 

सफाई कर्मचारियों ने निगम की सभी 400 कूड़ा गाड़ियों को भी अपने कब्जे ले रखा रहा। जो कर्मचारियों सफाई कर रहे है उनके साथ भी मारपिटाई की जा रही है। शहर में डेंगू पहले से ही फैला हुआ है जब से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर गए है शहर में कूड़ा फैला होने के कारण इसका प्रकोप और बढ़ गया है। याचिका में यह भी कहा है कि इस कचरे को जानवर भी खा रहे हैं और उनके स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है।

 

 

 

 

 

 

शहर में बदबू फैलने लगी है। 24 नवम्बर से 7 सफाई यूनियन हड़ताल पर हैं। जिससे शहर में सफाई नही हो पा रही है। सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनको बेतन सहीत अन्य सुविधाएं दी जाएं। उनकी यह भी मांग है कि जो नगर निगम द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिये बैणी सेना बनाई है उसको हटाया जाए। जनहित याचिका में कोर्ट से प्राथर्ना की है कि शहर में फैले कूड़े का शीघ्र निस्तारण किया जाय।

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