बागेश्वर पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने एक नाबालिग की शादी को रोक
बागेश्वर वन स्टॉप सेंटर और पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने एक नाबालिग की शादी पर रोक लगा दी।नाबालिग का विवाह 27 मई को होना था। बारात अल्मोड़ा ज़िले के सेराघाट से आने वाली थी। टीम के पहुंचने के बाद माता-पिता ने शपथ ली और अब 18 वर्ष पूरे होने पर ही अपनी बिटिया की शादी करने का निर्णय लिया।
कांडा तहसील अंतर्गत भंडारीगांव में बारात की तैयारियां चल रही थी। एकाएक ज़िले की वन स्टॉप सेंटर की टीम गांव पहुंच गई। जिस जगह पर बेटी का विवाह होना था नाबालिग लड़की को बुलाया गया।
मौके पर ही उसकी काउंसलिंग की गई। परिजनों के अनुसार अल्मोड़ा सेरघाट से बरात आनी थी। बालिका की उम्र हाईस्कूल प्रमाणपत्र के अनुसार 17 वर्ष थी। जिस पर टीम ने काफी विचार किया और माता-पिता, गांव के बुजुर्ग आदि का समझाया। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र में बेटी की शादी कराने पर सजा भी हो सकती है। यह कानूनी अपराध है।
जिस पर लड़की के माता-पिता मान गए और उन्होंने शपथ ली। उन्होंने कहा कि वे अब एक वर्ष पूरा होने के बाद ही वह बेटी का विवाह करेंगे। टीम ने गांवों के अन्य लोगों को भी जागरूक किया। बाल विवाह पर पूरी तरह रोक लगाने को कहा।
इस दौरान वन स्टाप सेंटर प्रबंधक षष्टी कांडपाल, अधिवक्ता मंजू पांडे, निरीक्षक टीआर बगरेटा, एसआइ राजेंद्र सिंह, बालकृष्ण, मदन बिष्ट, राजकुमार, वीरेंद्र परिहार, ममता आर्य, पदम सिंह, प्रकाश गिरी आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट: हिमांशु गढ़िया