बगेश्वर की अंजू परिहार और खष्टी डसीला ने बेटीयों का बढ़ाया सम्मान
बागेश्वर उत्तराखंड के बेटों के साथ साथ साथ प्रदेश की बेटियां भी हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। बात हो रही पहाड़ी जनपद बागेश्वर की बेटियां भी अब हर क्षेत्र में जनपद बागेश्वर के साथ साथ प्रदेश का नाम भी रौशन कर रही हैं।
जिले की प्रतिभावान बेटी अंजू परिहार और खष्टी डसीला की इन दो बागेश्वर की प्रतिभावान बेटियों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा के बूते पीएचडी की
मानद उपाधि हासिल की है। कुमाऊं विवि नैनीताल में आयोजित दीक्षांत समारोह में बागेश्वर ज़िले की इन दोनो बेटियों ने भी अपना परचम लहराया है, बागेश्वर की इन दोनो बेटियों अंजू परिहार तथा कपकोट की खष्टी डसीला को पीएचडी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
वहीं कपकोट ब्लॉक के शामा उपतहसील निवासी एक अन्य युवा कमल कोरंगा को इतिहास विषय में शोध पूर्ण करने पर उन्हें भी पीएचडी दी उपाधि मिली है।
कपकोट तहसील के फरसाली निवासी खष्टी ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाला भोजपत्र संबंधी एंडो फाइट्स पर शोध कार्य किया।
यह कार्य उन्होंने जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान एवं बायोटैक्नोलॉजी विभाग भीमताल में डा. अनीता पांडेय, डॉ. एसएस सामंत एवं प्रो. बीना पांडे के संयुक्त निर्देशन में किया। इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने दादा ऑरनरी कैप्टन भगवान डसीला, परिजनों व गुरुजनों को दिया है। इसके साथ ही एसएसजे कैम्पस अल्मोड़ा से डॉ. प्रज्ञा वर्मा के अधीन बहुली निवासी डॉ.अंजू परिहार ने अंग्रेजी विषय में शोध कार्य किया और अपनी प्रतिभा के बूते पीएचडी की मानद उपाधि प्राप्त की है।
उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय डॉ. प्रज्ञा वर्मा व अपने पति भाजपा जिला महामंत्री डॉ. राजेंद्र परिहार, शिक्षकों एवं अपने माता-पिता को दिया डॉ. अंजू परिहार वर्तमान में राजकीय इंटर कालेज भटखोला में शिक्षिका हैं। इन दोनो बेटियों की सफलता पर क्षेत्रवासियों ने खुशियां खुशी का माहोल है,साथ ही इन दोनो बेटियों की उपलब्धि जिले की अन्य बेटियों को भी हौसला देने का कार्य करेंगी।
- रिपोर्ट: हिमांशु गढ़िया